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पिता ने 10 साल की मासूम बेटी से छोटे भाई के सामने किया बलात्कार, बेटे के विरोध करने पर मारा था मुक्का; 20 साल की कठोर कैद, जुर्माना भी | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

हरिद्वार | [कोर्ट बुलेटिन] | एक कामांध पिता ने अपनी 10 साल की मासूम बच्ची बलात्कार कर दुष्कर्म की बात मां को बताने पर उसे, मां और भाई को जान से मारने देने के साथ-साथ उसे बेचने की भी धमकी दी थी। छोटे भाई द्वारा विरोध करने पर मुक्का से मारने पर मुक्का से मारने वाला आरोपी पिता को कोर्ट ने 20 साल की कठोर सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़िता को मुवावजा देने का भी आदेश दिया है। उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में एक पिता ने रिश्तों को शर्मसार करने वाली घटना को अंजाम दिया था। 

 

पिता ने अपनी 10 साल की मासूम बेटी को हवस का शिकार बनाया था। पीड़िता के छोटे भाई सामने दुष्कर्म जैसे घिनौना काम किया था। यही नहीं घटना के बाद दोषी पिता ने बच्चों, और मां को जान से मारने की धमकी तक दे डाली थी।

 

10 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म करने, विरोध करने पर मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के मामले में एडीजे/एफटीएससी न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी ने आरोपी पिता को दोषी ठहराया है। विशेष कोर्ट ने आरोपी पिता को 20 वर्ष की कठोर कैद और एक लाख 51 हजार पांच सौ रुपये के अर्थदंड की सजा भी सुनाई है।

 

शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि 7 मार्च 2021 को ज्वालापुर क्षेत्र में एक पिता ने अपनी 10 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म किया था। अगले दिन सुबह पीड़ित बच्ची की मां घर पहुंची तो बच्ची के भाई ने आपबीती बताई थी। इसके बाद मां ने पीड़ित बच्ची से पूछताछ की तो बच्ची ने पिता पर दुष्कर्म कर मां को बताने पर उसे, मां और भाई को जान से मारने देने के साथ-साथ उसे बेचने की भी धमकी दी थी।

 

इसके अगले दिन शिकायतकर्ता मां ने आरोपी पिता के खिलाफ दुष्कर्म, मारपीट, जान से मारने की धमकी देने व पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कराया था। घटना के करीब 14 दिन बाद स्थानीय पुलिस ने आरोपी को ज्वालापुर स्थित एक कॉलोनी से पकड़ कर जेल भेज दिया था। मामले की विवेचना के बाद विवेचक ने आरोपी पिता के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। शासकीय अधिवक्ता ने सरकार की ओर से पांच गवाह पेश किए गए थे।

 

पत्नी को घर से निकालने का आरोप

 

घटना से पहले आरोपी पिता ने अपनी पत्नी के साथ मारपीट, गाली गलौज, गंडासे से वार करने और झूठे आरोप लगाते हुए घर से निकाल दिया था। पीड़ित अपनी बहन के घर चली गई थी। अगले दिन सुबह घर लौटने पर उसे घटना का पता चला था।

 

छोटे भाई ने देखी थी घटना

 

घटना वाली रात की अगली सुबह पीड़िता की मां घर पहुंची तो पीड़िता के छोटे भाई ने सारी आपबीती बताई थी। उसने बताया कि मेरे विरोध करने पर आरोपी पिता ने मुक्का मारा। इसके बाद उसकी मां ने पीड़िता से पूछताछ की थी।

 

आरोपी पिता पर दुष्कर्म, मारपीट और धमकी देने का आरोप

 

पीड़ित बच्ची ने पुलिस को बताया कि घटना वाली रात आरोपी पिता ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। विरोध करने पर पीड़िता के साथ मारपीट की गई। साथ ही भाई और मां को जान से मारने की धमकी दी थी।

 

अर्थदंड की राशि जमा न करने पर 2 वर्ष की कैद

 

एफटीएस कोर्ट ने आरोपी पिता पर एक लाख 51 हजार पांच सौ रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड जमा नहीं कराने पर आरोपी 2 साल के अतिरिक्त कारावास भुगतने के भी आदेश दिए हैं।

 

पीड़िता को आर्थिक सहायता देने के आदेश

 

एफटीएस कोर्ट ने पीड़िता को बतौर प्रतिकर राशि के रूप में आर्थिक सहायता देने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़ित किशोरी को बतौर उचित प्रतिकर राशि देने के आदेश दिए हैं। साथ ही, उक्त निर्णय की एक प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भेजने और पीड़िता को उचित निर्धारण आर्थिक सहायता दिलाने के निर्देश दिए हैं।

 

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