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Covishield Vaccine: कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ से हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक का खतरा, कंपनी AstraZeneca ने कोर्ट में कबूली साइड इफेक्ट्स की बात….

Covishield Vaccine:

Covishield Vaccine: नई दिल्ली | [नेशनल बुलेटिन] | ऑनलाइन बुलेटिन: कोर्ट में कैसे पहुंचा मुकदमा : ब्रिटेन में जेमी स्कॉट नाम के एक व्यक्ति ने एस्ट्राजेनेका कंपनी के खिलाफ कोर्ट में केस किया है। उनका कहना है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की वैक्सीन लगवाने के बाद वे ब्रेन डैमेज का शिकार हुए थे। उनकी तरह ही कई अन्य परिवारों ने भी वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स को लेकर कोर्ट में कंप्लेंट फाइल कर रखी है। उनका कहना है कि यह वैक्सीन लगवाने के लिए उन्हें कई तरह के शारीरिक विकारों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके बारे में पहले नहीं बताया गया था. ये परिवार अब वैक्सीन को लेकर हुई परेशानियों को लेकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। (Covishield Vaccine)

कोरोना की कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने साइड इफेक्ट्स की बात कबूल की है। AstraZeneca ने ब्रिटिश कोर्ट में पहली बार स्वीकार किया है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। एस्ट्राजेनेका ने कबूल किया कि कोविड-19 वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (thrombocytopenia syndrome-TTS) जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इस कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) से हार्ट अटैक-ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा हो सकता है। यह खबर भारत के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां कोविड-19 (COVID-19) के प्रसार के दौरान बड़े पैमाने पर ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजेनेका की इसी वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से इस्तेमाल किया गया था।(Covishield Vaccine)

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम से शरीर में खून के थक्के जमने (Blood Clot) लगते हैं या बॉडी में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं। बॉडी में ब्लड क्लॉट की वजह से ब्रेन स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट की आशंकाएं बढ़ जाती हैं। बता दें कि कंपनी इस वैक्सीन को दुनियाभर में कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया नाम से बेचती है।(Covishield Vaccine)

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भारत में किया था वैक्सीन का उत्पादन

 

भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ने एस्ट्राजेनेका से हासिल लाइसेंस के तहत देश में इस वैक्सीन का उत्पादन किया था और इसे सिर्फ भारत के कोविड टीकाकरण अभियान में ही नहीं इस्तेमाल किया गया था, बल्कि दुनिया के कई देशों को निर्यात किया गया। कोविशील्ड के अलावा इस वैक्सीन को कई देशों में वैक्सजेवरिया ब्रांड नाम से भी बेचा गया था। एस्ट्राजेनेका पर यह मुकदमा जेमी स्कॉट ने दायर किया है, जो इस टीके को लेने के बाद ब्रेन डैमेज के शिकार हुए थे। कई परिवारों ने भी कोर्ट में इस टीके के दुष्प्रभावों की शिकायत की थी। (Covishield Vaccine)

मुकदमे भारत में भी शुरू हो सकते हैं

 

भारत में कोविड के बाद ऐसी मौतों की संख्या अत्यधिक बढ़ गई थी, जिनमें कारण का स्पष्ट पता नहीं चला था। इनमें से अधिकांश को किसी न किसी शारीरिक समस्या से जोड़ कर देखा गया और सरकार व स्वास्थ्य जगत ने यह कभी नहीं माना कि कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के कारण ऐसा  हो सकता है। अब कंपनी की इस स्वीकारोक्ति के बाद भारत में भी मुकदमों का दौर शुरू होने की संभावना है।(Covishield Vaccine)

 

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