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दलित साहित्य एवं संस्कृति मंच- गोरखपुर की पहली काव्य गोष्ठी आज संम्पन्न | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

गोरखपुर / राजेश कुमार बौद्ध | [उत्तर प्रदेश बुलेटिन] | Dalit Literature and Culture Forum – Gorakhpur’s first poetry seminar concluded today दलित साहित्य एंव संस्कृति मंच- गोरखपुर स्थान बुद्ध विहार, राप्ती नगर गोरखपुर के द्वारा आयोजित 2023 की पहली काव्य पाठ पर केंद्रित रही। इसकी अध्यक्षता कवि रामचन्द्र प्रसाद त्यागी ने की और संचालन राजेश कुमार बौद्ध ने किया।

 

गोष्ठी में सामाजिक परिवर्तन, समानता और न्याय की पक्षधर डॉ. अम्बेडकर जी पर एक से बढ़कर एक कविता प्रस्तुत की गई। ये कविताएं कथ्य में जितनी विविध रहीं उतनी ही शिल्प और विधा में वैविध्य लिए हुए रहीं। तहत और तरन्नुम से पढ़ी गई अधिकांश कविताएं और गजलें खूब पसंद की गई।

काव्यपाठ करने वाले रचनाकार क्रमशः- कवि हरिशरण गौतम, कवि रामचन्द्र प्रसाद त्यागी, कवि राजेश कुमार बौद्ध, कवि अनिल कुमार गौतम, डॉ. संजय आर्य, कवि ध्रुवराम बौद्ध एडवोकेट, श्याम मिलन एडवोकेट, डॉ. संजय कुमार- देवरिया, कवि बुद्धि सागर गौतम- बस्ती, कवि उमाशंकर, युवा कवित्री कुमारी प्रज्ञा, गीता देवी, सूर्य लाल बौद्ध, अमित कुमार, युवा कवि डी एन बौद्ध, युवा कवि विशाल आदि साहित्यकार/ कवि उपस्थित रहे।

 

गोष्ठी का आरंभ अनिल कुमार गौतम ने संविधान को केंद्र में रखकर

” मैं संसद का श्रृंगार

संविधान बोल रहा हूं।”

 

दूसरी कविता:-

 

” रोती – विलखती जिन्दगी

एक टुकड़े रोटी की ख़ातिर

भीमाकोरे गॉव पर केन्द्रित कविता ध्रुवराम बौद्ध एडवोकेट ने कहा कि-

” भीमाकोरे गॉव की ,

कहानी हैं कुछ जुदाई।

मान राखी देखों मेरे खुदा।

और उन्होंने ब्राह्मणवादीव्यवस्था के क्रूर व्यवस्था को केन्द्रित करते हुये कहा कि-

जिनको न हक था ,

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की चिट्ठी का जवाब दिया, 'राम के विचार हमें निरंतर ऊर्जा देते हैं'
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सुबह-शाम सड़कों चलने की ।।

 

देवरिया से आये वरिष्ठ साहित्यकार एवं आलोचक और कवि प्रोफेसर डॉ. संजय कुमार अपनी कविता-

बकरियां मेरी चली गई,

कसाई के बाड़े में।

तुम काम के बदले देते थे…..।

 

बस्ती से आए वरिष्ठ कवि डॉ. बुद्धि सागर गौतम ने अपनी कविता बाबा साहब डॉ अम्बेडकर जी के विचारों को आगे बढ़ाने पर केन्द्रित कविता पढ़ी –

काम करों ऐसा

मेरे भीमपुत्र करों काम ऐसा,

जीतोगे हर थम कोरेगॉव ऐसा।।

वरिष्ठ कवि एवं बांसुरीबादक निर्वाण प्राप्त सुरेश चन्द्र की पत्नी गीता देवी ने अपने संधर्ष को केन्द्रित करके कविता पढ़ी-

विरान सी जिन्दगी

क्या लिखूं जिन्दगी बद रंग हो गयी।

हंसता फिरता जिन्दगी।

 

वरिष्ठ समाजसेवी एवं कवि हरिशरण गौतम ने भारत के कोर्टो पर केन्द्रित कविता पढ़े-

यह भारत का सुप्रीम कोर्ट है,

या नागपुर की शाखा।

देखता नहीं सत्य साक्ष्य,

बोलता आर एस एस की भाषा।

मूल अधिकार की धार को,

कहता मूल अधिकार नहीं।

 

युवा कथाकार अमित कुमार ने अपनी एक गज़ल पढी –

गढ़ेगे झूठे इतिहास,

और बचा गया झूठ।।

 

वरिष्ठ कवि एवं दलित चिंतक/ संपादक राजेश कुमार बौद्ध ने साधु- संतों की पोल खोलते हुए अपनी कविता को पढ़ा-

आज धर्म के नाम पर

हो रही है लूट,

साधु संतों को मिला है

इसका पूरा छूट

धन दौलत और गाङी का

मिल रहा है सुख।।

 

उन्होंने अपने कविताओं के माध्यम से वर्णव्यवस्था ध्दारा दी गई चोट पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहां कि –

बड़ा मुश्किल होता है

खुद का दर्द व्यक्त करना

अपने भीतर की चोटों का नाम देना।

So far, 45.54 lakh metric tonnes of paddy has been purchased in Chhattisgarh, 9.93 lakh farmers have sold paddy | छत्तीसगढ़ में अब तक 45.54 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी, 9.93 लाख किसानों ने बेचा धान
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हम थकने लगें हैं,

खुद को अपने दर्द गिनाने में।।

 

और वर्तमान की मीडिया पर प्रहार करते हुए कहां कि –

लोकतंत्र के देश में

मीडिया चाटुकार है।

चाहे इलैक्ट्रानिक मीडिया

हो या प्रिंट मिडिया

सभी लोकतंत्र में

मीडिया अब गुलाम है।।

 

अंत में गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे कवि रामचन्द्र प्रसाद त्यागी ने नववर्ष के अवसर अपनी कविता के माध्यम से बधाई देते हुए कहां-

गीले शिकवे भूल सभी

स्नेह दिल से दीप जलाये

पलक पावड़े राह विछाकर

नववर्ष को गले लगाये।।

 

दलित साहित्य एंव संस्कृति मंच का भाव है कि सबको जोड़े सबसे जुड़े। इस ओर निरंतर प्रयासरत है। सभी रचनाकारों का धन्यवाद ज्ञापन अमित कुमार ने किया। गोष्ठी अपने शिखर पर पहुंचकर, नववर्ष 2023 की बधाई और शुभकामनाओं के साथ संपन्न हुई। बैठक में बस्ती, देवरिया और गोरखपुर के साथियों ने कविगोष्ठी का भरपूर आनंद उठाया।

 

बैठक में श्रेध्दय हरिशरण गौतम, रामचन्द्र प्रसाद त्यागी, राजेश कुमार बौद्ध, उमाशंकर, गीता देवी, अमित कुमार, संजय आर्या, ध्रुवराम बौद्ध, शंकर लाल, डी एन बौद्ध, श्याम मिलन, अनिल कुमार गौतम, सूर्य लाल बौद्ध, जवाहर गौतम, डॉ बुद्ध सागर गौतम, संजय कुमार, छोटे लाल, राजेन्द्र पाल, राम जन्म, नारायण, प्रेम सागर, श्री राम, राम आशीष, रमाकान्त अम्बेडकर, सत्येन्द्र कुमार, कुमारी प्रज्ञा सहित हम सब लोगों की उपस्थिति रही।

 

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