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समझौते के आधार पर कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का मुकदमा रद्द करने से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार l ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली l (कोर्ट बुलेटिन) l कार्यस्थल पर एक महिला कर्मचारी के यौन उत्पीड़न के मामले में दर्ज मुकदमे को रद्द करने से दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को संबंधित पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) की साइन की हुई स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। आरोपी ने पीड़िता के साथ हुए आपसी समझौते के आधार पर मुकदमा रद्द करने की मांग की थी।

 

महिला कर्मचारी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने सरकारी विभाग में उप महानिदेशक के पद पर कार्यरत पी. मोहंती के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा धारा 354 (ए), 354 (डी), 506 और 509 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। आरोपी को पीड़िता के साथ हुए समझौते का हवाला देकर मुकदमा रद्द करने की मांग की थी। जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने पुलिस को मामले की जांच करने और इसके बाद विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

 

हाईकोर्ट ने कहा, दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि शिकायतकर्ता एक सरकारी कार्यालय में कार्यरत थी और वर्ष 2016 से 2018 तक आरोपी उसी कार्यालय में उप महानिदेशक के पद पर कार्यरत था। हालांकि, याचिकाकर्ता न तो शिकायतकर्ता का तत्काल वरिष्ठ था और न ही रिपोर्टिंग अधिकारी। महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा था कि आरोपी ने उसे यौन संबंध बनाने, शादी करने या फिर प्रेमिका बनने का आग्रह किया।

 

पुलिस को दिए शिकायत में महिला कर्मचारी ने यह भी आरोप लगाया था कि जब उसने आरोपी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया तो उसने कॉल व मैसेज करके परेशान करने लगा।

 

सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद हाईकोर्ट ने आरोपी के खिलाफ दर्ज मुकदमा को रद्द करने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा है कि तथ्यों को देखने के बाद इस मामले में विस्तृत जांच की जरूरत है। हाईकोर्ट ने पुलिस को मामले की जांच करने का आदेश देते हुए अगली सुनवाई 24 मार्च से पहले स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।


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