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डॉ. आंबेडकर को 14 अप्रैल या 6 दिसंबर को याद करना नहीं बल्कि साल के हर दिन मिशन पर काम करने की ज़रूरत : राखी बिड़लान | ऑनलाइन बुलेटिन

गुरुघासीदास सेवादार संघ के 15 वें डोला यात्रा को आप नेत्री राखी बिड़लान ने किया संबोधित

मुंगेली / बेमेतरा | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] |  संत गुरु घासीदास सेवादार संघ के तत्वावधान में हर साल होने वाली डोला यात्रा व सम्मान सभा में दिल्ली विधानसभा उपाध्यक्ष व आम आदमी पार्टी की नेत्री राखी बिड़लान मुख्य वक्ता व अतिथि के तौर पर शामिल हुई।

मुख्य वक्ता राखी बिड़लान ने कई साल से ढर्रे की राजनीति करने वालो पर सवाल उठाते हुए बोला कि हम डॉ. आंबेडकर की संतान हैं ऐसे में हमको बाबा साहब के मिशन के तहत, संगठित बनो, शिक्षित बनो और आगे बढ़ो कार्यक्रम लगातार करने की ज़रूरत है।

 

सभा की शुरुआत में प्रतीकात्मक डोला को राखी बिड़लान, लखन सुबोध के द्वारा फूल से स्वागत कर, गौरवशाली इतिहास को याद करके, नमन किया।

 

डोला यात्रा बेमेतरा से शुरू होकर मुंगेली में समाप्त हुई व मुंगेली के आगर खेल मैदान में डोला यात्रा की सम्मान सभा की गई।

 

सभा में भाषण की शुरुआत में दिल्ली विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़लान ने बाबा साहब अम्बेडकर व गुरुघासीदास को याद करते हुए, नम किया फिर भाषण की शुरुआत की।

 

उन्होंने यह भी कहा कि दलित समुदाय से लेकर तमाम पिछड़े समुदाय के लोगों को सालों तक मूर्ख बनाया गया है। हर बार संविधान को ताक पर रखकर जाति व उपजाति में हमको आपको बांटकर मात्र वोट की तरह इस्तेमाल किया गया, लेकिन अब हमको इससे बचना होगा। उन्होंने कहा कि अब से आपको किसी दल के लिए नहीं बल्कि खुद के लिए व अपने बच्चों के लिए साल के 365 दिन अच्छी स्कूल शिक्षा व समानता के लिए काम करना होगा।

 

दिल्ली विधानसभा उपाध्यक्ष व आम आदमी पार्टी की नेत्री राखी बिड़लान ने यह भी बोला कि बाबा साहब डॉ.आंबेडकर को सिर्फ 14 अप्रैल या 6 दिसंबर को ही याद बस नही करना है, बल्कि साल के हर दिन बाबा साहब के मिशन पर काम करने की ज़रूरत है। साथ साथ गुरुघासीदास के मिशन पर नज़दीक से समझकर, उसको भी अमल करने की ज़रूरत है।

 

उन्होंने कहा कि जो भी बाबा साहब और गुरुघासीदास का मिशन है, वो काम मात्र दिल्ली की सरकार कर रही है।

 

गुरुघासीदास सेवादार संघ के संतोजक लखन लाल कुर्रे “सुबोड” के द्वारा GSS के बारे में बताया व डोला यात्रा का इतिहास बताया कि किस तरह से एक खास समुदाय पर सामंती सोच के लोग हावी रहे, और दलित वर्ग को डोली पर बैठने से मना किया गया था, और सतनाम आंदोलन के नेता भुजबल महंत के द्वारा डोला की शुरुआत करवाई गई। तब जाकर आज शोषित समुदाय की महिला भी सम्मान से जी पाई है।

 

आदिवासी युवा नेता कोमल हुपेंडी ने भाषण की शुरुवात में गुरुघासीदास व बाबा साहब को नमन करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में हमें एकजुट होने की ज़रूरत है। कई कई सालों से हमको बाटकर रखा गया है। छत्तीसगढ़ में दमन चरम पर है।

 

कार्यक्रम का संचालन गुरुघासीदास सेवादार संघ की विधिक सलाहकार प्रियंका शुक्ला, मोहर दास आर्य ने किया। धन्यवाद ज्ञापन हेतु दिनेश अनंत , अजय अनन्त, तामेश्वर द्वारा बारी बारी से किया गया। कार्यक्रम में जीएसएस के कैडर के साथ साथ, तमाम सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

 

 


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