ना जाने कब रुक जाएगी…

🔊 Listen to this ©गायकवाड विलास परिचय- लातूर, महाराष्ट्र   तेरे बिन लगता है सब यहां सुना सुना, कैसे कटेंगे अब पहाड़ से ये दिन। यादें तुम्हारी रूलाती है वक्त बेवक्त हमें, अब रूककर भी रूकते नहीं है ये बहते हुए नयन।   तुम थे,जब जीवन में हमारे साथ-साथ, तब आंगन में कलियां भी मुस्कुराती … Continue reading ना जाने कब रुक जाएगी…