खाक में न मिलाओ वतन को कोई…

🔊 Listen to this ©रामकेश एम यादव परिचय- मुंबई, महाराष्ट्र.   आग कहीं पे लगाना मुनासिब नहीं, होश अपना गंवाना मुनासिब नहीं। दे के कुर्बानी किए चमन जो आजाद, ऐसी बगिया जलाना मुनासिब नहीं।   तुमने जो भी किया आज देश है खफ़ा, हक़ किसी का मिटाना मुनासिब नहीं। सबकी आँखें छलकती हैं निर्वस्त्रों पे, … Continue reading खाक में न मिलाओ वतन को कोई…