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डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र का राज्यपाल उइके ने वर्धा में किया शुभारंभ,राष्ट्रीय संगोष्ठी में भी हुई शामिल | ऑनलाइन बुलेटिन

रायपुर (धर्मेंद्र गायकवाड़) | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने वर्धा प्रवास के दौरान आज महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के परिसर में डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र का शुभारंभ किया। राज्यपाल सुश्री उइके ने डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए वर्धा विश्वविद्यालय के चयनित होने पर विश्वविद्यालय प्रबंधन और विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। इस दौरान उपस्थित विशाल जन समूह ने तालियों की गड़गड़ाहट से इसका स्वागत किया। उन्होंने हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत कर उन्हें सम्मानित किया।

 

राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि संगोष्ठी का विषय स्वराज्य, सुराज्य और स्वबोध का गांधी मार्गष् अत्यधिक प्रासंगिक है और गांधीजी के सम्पूर्ण जीवन को चरितार्थ करता है। उन्होंने कहा कि वर्धा हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कर्मभूमि रही है। उनका जीवन दर्शन, वर्धा की पावन भूमि के कण-कण में विद्यमान है।

 

राज्यपाल ने डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र का किया शुभारंभ

 

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने वर्धा प्रवास के दौरान आज महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के परिसर में डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र का शुभारंभ किया। उल्लेखनीय है कि सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालयों में डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिसके माध्यम से युवाओं को प्रशासनिक सेवाओं की विशेष तैयारी हेतु शिक्षा दी जा रही है।

 

इस पवित्र भूमि से ही गांधीजी ने भारत के नव निर्माण का स्वप्न देखा। गांधी जी के विचारों की रोशनी ने ही सम्पूर्ण विश्व को वास्तविक भारत दिखाया है। राज्यपाल ने कहा कि सत्य के मार्ग पर चलते हुए गांधीजी ने संसाधनों के अभाव में भी देश को एकजुट करने का महान कार्य किया था, उन्होंने त्याग और समर्पण के साथ राष्ट्र सेवा की सीख दी है।

 

उन्होंने कहा कि गांधी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए देश ने विश्व पटल पर अपनी नई पहचान बनाई है। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि जिस प्रकार गांधीजी ने स्वराज की संकल्पना तथा अंतिमजन के उत्थान की बात की थी। वर्तमान में इसी संकल्पना के अनुरूप ही देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

 

उन्होंने शासकीय व गैर शासकीय कार्यों में हिंदी भाषा की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा किये गये प्रयासों का उल्लेख किया और उसकी सराहना की। राज्यपाल ने गांधीजी के दर्शन से जीवन और कार्यशैली में आए बदलाव के बारे में भी अपनी बात रखी।

 

इस अवसर पर वर्धा के सांसद श्री रामदास तड़स, कुलपति डॉ रजनीश कुमार शुक्ल सहित विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

 

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