दुश्मन…

🔊 Listen to this ©नीलोफ़र फ़ारूक़ी तौसीफ़ परिचय- मुंबई, आईटी टीम लीडर   जिसे समझ न आए उसी समझानी चाहिए। दुश्मन छोटा हो या बड़ा पर खानदानी चाहिए।   रुतबा, ओहदा सब हो दुश्मन के बराबरी का, मौत दे हर रोज़ दस्तक, ऐसी ज़िंदगानी चाहिए।   सैलाब की तरह उमड़ पड़े, दोनों ओर लश्कर, औजार … Continue reading दुश्मन…