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कंगाल हुआ मिस्र, यूएई को ‘बेचने’ जा रहा ‘धरती का स्‍वर्ग’

काहिरा
 पाकिस्‍तान की तरह ही दुनिया का एक और मुस्लिम देश कंगाली की राह पर है और पूरा शहर संयुक्‍त अरब अमीरात के निवेशकों को सौंपने जा रहा है। इस देश का नाम मिस्र है और करीब 22 अरब डॉलर में अपने भूमध्‍य सागर में स्थित कस्‍बे रास अल हिकमा को यूएई को देने जा रहा है। यह कस्‍बा अपने खूबसूरत तटों के लिए जाना जाता है और इसी वजह से इसे 'धरती पर स्‍वर्ग' कहा जाता है।

 मिस्र के राष्‍ट्रपति अब्‍देल फतेह अल सीसी के इस फैसले के खिलाफ पूरे देश में व‍िरोध शुरू हो गया है। गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे मिस्र को व‍िदेशी मुद्रा की सख्‍त जरूरत है और इसी वजह से वह अपने बेहद अहम कस्‍बे को यूएई के निवेशकों को सौंपने जा रहा है। मिस्र के एक अधिकारी ने इस सौदे की पुष्टि की है।

मिस्र के अधिकारी ने कहा कि यूएई के निवेशक इस बेहद खास कस्‍बे रास अल हिकमा को खरीदेंगे जो भूमध्‍य सागर में मिस्र के उत्‍तरी पश्चिमी तट पर स्थित है। इससे पहले भी इस कस्‍बे को बेचने की कोशिश की गई थी, तब इसकी काफी आलोचना हुई थी। आलोचकों का कहना है कि इस डील के बाद मिस्र का अपने सबसे खूबसूरत तटों वाले कस्‍बे से नियंत्रण खत्‍म हो जाएगा। मिस्र की आर्थिक हालत इतनी खराब है कि उसकी मुद्रा की वैल्‍यू ब्‍लैक मार्केट में अमेरिकी डॉलर के सामने आधी रह गई है।

मिस्र के राष्‍ट्रपति आलोचना के घेरे में
गुरुवार को आईएमएफ के एक दल ने अपनी दो सप्‍ताह की यात्रा को पूरा किया है और संभाव‍ित बेलआउट पैकेज को लेकर बातचीत की है। माना जा रहा है कि यह पैकेज 10 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। मिस्र के एक अधिकारी होसम हेइबा ने कहा कि रास अल हकीमा को व‍िकस‍ित करने में 22 अरब डॉलर का खर्च आ सकता है। उन्‍होंने कहा कि हमें कई ऑफर मिला था लेकिन हमने यूएई के न‍िवेशकों की ओर से आए प्रस्‍ताव को चुना है। यूएई के न‍िवेशक इस प्रॉजेक्‍ट की फाइनेंसिंग, व‍िकास और प्रबंधन करेंगे।

बताया जा रहा है कि इस डील को लेकर बातचीत पूरी हो गई है और समझौते पर हस्‍ताक्षर के लिए तैयारी चल रही है। राष्‍ट्रपति सीसी ने रास अल हिकमा इलाके को शहरी व‍िकास प्रॉजेक्‍ट में शामिल किया है और यह प्रॉजेक्‍ट 2050 तक पूरा होने की उम्‍मीद है। मिस्र सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना हो रही है। व‍िपक्षी दलों का कहना है कि यह रास अल हिकमा कस्‍बा 'धरती पर स्‍वर्ग' है। वे राष्‍ट्रपति सीसी की इस योजना का समर्थन नहीं करेंगे। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रपति बहुत हड़बड़ी में हैं जिससे काफी गड़बड़ी कर रहे हैं।


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