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किसानों को मिलेंगे 50 हजार तालाब, जानें क्या है अमृत सरोवर योजना | Amrit Sarovar Scheme

Amrit Sarovar Scheme : नई दिल्ली | [ एग्रीकल्चर बुलेटिन ] | Due to continuous exploitation of resources, the whole country is facing the problem of depletion of ground water level. In view of the decline of underground water in most parts of the country, the government is continuously taking steps to strengthen water conservation in the country. For this purpose, the Central Government has brought Amrit Sarovar Yojana for the farmers. Under the scheme, 50 thousand ponds are to be given to the farmers. Under this scheme, not only will water conservation be strengthened, but the income of the farmers will also increase rapidly. Farmers can take advantage of both irrigation and fisheries from these ponds. Farmers can earn well by doing both irrigation and fish farming from the pond. In this way, farmers can get double benefit from this scheme.

 

Online Bulletin Dot In : साधनों का लगातार दोहन की वजह से, पूरे देश के समक्ष ग्राउंड वाटर लेवल की कमी की समस्या के रूप में आ रही है। देश के ज्यादातर हिस्सों में भूमिगत जल की गिरावट को देखते हुए सरकार लगातार कदम उठा रही है, ताकि देश में जल संरक्षण को बल मिले। इसी उद्देश्य से केंद्र सरकार, किसानों के लिए अमृत सरोवर योजना लाई है। योजना के तहत किसानों को 50 हजार तालाब किसानों को दिए जाने हैं। आज हम ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन की इस पोस्ट में क्रेंद्र सरकार की अमृत सरोवर योजना की जानकारी दे रहे हैं। इस योजना के तहत न सिर्फ जल संरक्षण को बल मिलेगा बल्कि किसानों की आय भी तेजी से बढ़ोतरी होगी। किसान इन तालाब से सिंचाई और मछलीपालन दोनों का फायदा उठा सकते हैं। किसान तालाब से सिंचाई और मछलीपालन दोनों काम करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। इस तरह किसानों को इस योजना से किसानों को दोहरा फायदा मिल सकता है। (Amrit Sarovar Scheme)

Amrit Sarovar Scheme

हालांकि इस योजना की शुरुआत 2022 में हो चुकी है लेकिन इस योजना पर तीव्र गति से काम 2023 में किया जा रहा है। इसके तहत 15 अगस्त तक 50 हजार तालाब देश को समर्पित किए जाएंगे ताकि किसानों को फसलों की सिंचाई कार्य में कोई परेशानी नहीं हो और वे इस तालाब का उपयोग मछली पालन में करके भी अपनी आमदनी में बढ़ोतरी कर सकें।

 

15 अगस्त तक 50 हजार तालाब किये जाएंगे देश को समर्पित

 

केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि वे इस साल के 15 अगस्त तक 50 हजार सरोवर देश को समर्पित करें।  योजना के पहले चरण में किसानों के लिए 40 हजार तालाब तैयार हो चुके हैं। सन 2022 में लांच हुई इस अमृत सरोवर योजना का शुभारम्भ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा  किया गया। इस योजना के तहत हरेक जिले में 75 अमृत सरोवर बना कर डिलीवर किया जाना है। ग्रामीण इलाके में पानी की बढ़ती समस्या को देखते हुए सरकार द्वारा इस योजना को लागू किया गया। सरकार का मानना है कि इससे किसानों को ना सिर्फ समय पर सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा बल्कि किसान मछलीपालन कर अपनी आय को भी बढ़ा पाएंगे।   (Amrit Sarovar Scheme)

 

तेजी से लक्ष्य हो रहा है पूरा

 

ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ अमृत सरोवर योजना (Amrit Sarovar Yojana) देश में तेजी से काम कर रही है। 11 महीने के अंदर ही कुल लक्ष्य का 80 प्रतिशत काम को पूरा कर लिया गया है। सरकार योजना के समुचित क्रियान्वयन हेतु प्रतिबद्ध है। 54 हजार से भी ज्यादा बनाए गए उपभोक्ता समूह की वजह से योजना की दिशा सकारात्मक है, किसान तालाब में न सिर्फ मछलीपालन बल्कि मखाने की खेती, कमल की खेती, सिंघाड़े की खेती के अलावा बत्तख पालन से भी अपनी आय बढ़ा सकते हैं।

 

क्या है अमृत सरोवर योजना (Mission Amrit Sarovar)

 

किसानों की आय बढ़ाने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अमृत सरोवर योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत किसानों को 50 हजार तालाब दिए जाने हैं। देश में बढ़ रहे जल संकट को देखते हुए सरकार द्वारा ये कदम उठाया गया है। अमृत सरोवर योजना के माध्यम से किसानों को 50 हजार तालाब दिये जाएंगे ताकि इन तालाबों में जल संग्रह हो सके और उन संग्रहित जल का उपयोग किसान सिंचाई एवं मछलीपालन के लिए कर सकें। इसके अलावा किसान मछलीपालन के साथ-साथ आय बढ़ाने के लिए जलीय खेती भी कर सकें।   (Amrit Sarovar Scheme)

 

अमृत सरोवर योजना के लाभ

 

अमृत सरोवर योजना के फायदे या लाभ की बात करें तो इससे किसानों का तीन तरीके से मुनाफा होगा। आज देश के ज्यादातर राज्यों में कृषि सिंचाई के लिए जल की कमी हो रही है। यही वजह है कि अमृत सरोवर योजना को तमिलनाडू, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश ( यूपी ), झारखण्ड , बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र आदि राज्यों में प्रमुखता से लाया जा रहा है। राजस्थान , तमिलनाडू और अन्य राज्यों में बढ़ते पानी के संकट को दूर करने के लिए जरूरी है कि इस तरह की योजनाएं चले।  गौरतलब है कि जल संसाधनों  के अत्यधिक दोहन से किसानों के लिए खेती करना मुश्किल हो रहा है क्योंकि सिंचाई के लिए कई जगह पर पानी की भारी समस्या बन गई है। नलकूपों में पानी की कमी हो रही है। लगातार घट रहे भू-जल स्तर को बढ़ाने को बढ़ाने का यही तरीका है कि किसानों को बारिश के जल को ज्यादा से ज्यादा संग्रहित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। चूंकि तालाब निर्माण जल संग्रहण का एक बेहतरीन तरीका है इसलिए सरकार किसानों को तालाब निर्माण या पोखर निर्माण के लिए प्रोत्साहित कर रही है।  (Amrit Sarovar Scheme)

 

अमृत सरोवर योजना के उद्देश्य

 

अमृत सरोवर योजना का मुख्य उद्‌देश्य जल की बर्बादी को रोककर उसका बेहतर तरीके से पूरा उपयोग करना है। इस योजना के उद्देश्य निम्नलिखित हैं। 

 

  1. देश में जल संग्रहण को बढ़ावा देना और भू जल स्तर को बढ़ाना
  2. किसानों के सिंचाई से सम्बंधित समस्याओं का हल करना
  3. किसान के फसल की पैदावार में बढ़ोतरी करना
  4. किसानों की आय बढ़ाना
  5. मछलीपालन को प्रोत्साहित करना

 

अमृत सरोवर योजना की जरुरत क्यों है 

 

जल ही जीवन है, जल से ही मानव, पशु पक्षियों एवं हमारी दैनिक जरूरतों का बहुत सारा हिस्सा पूरा हो पाता है, कहा गया है पानी पृथ्वी का खून होता है, इसे यूं ही न बहाएं ज्यादा से ज्यादा जल संरक्षण की ओर हम बढ़ें। ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी भी जल का उपयोग कर पाएं। लेकिन आज के इस दौर में इंसान की खाने की जरुरत इतनी बढ़ चुकी है कि अंधाधुंध तरीके से भूमिगत मीठे जल का दोहन हो रहा है और उस जल से सिंचाई की जा रही है। जल की जरुरत को देखते हुए जरूरी है कि किसानों को सिंचाई के मामले में भी उन्हें आत्म निर्भर बनाया जाए।  सिर्फ सिंचाई ही नहीं, कृषि के दूसरे साधनों को विकसित कर, किसानों की आय में भी बढ़ोतरी की जाये। चूंकि बारिश जल का एक प्रमुख स्रोत है, देश में हमें हर साल करोड़ों लीटर पानी मिलता है, लेकिन जल का समुचित संचयन न होने की वजह से इस पानी का ज्यादातर हिस्सा बर्बाद हो जाता है, नदियों में मिल जाता है और फिर नदियों के माध्यम से समुद्र में जाकर पानी खारा हो जाता है और पीने योग्य नहीं रहता है। इसलिए जरूरी है कि देश में हम मीठे जल के संग्रहण के लिए कदम उठाएं और इस कदम में किसान, सरकार के बड़ा सहयोगी बन सकते हैं। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने किसानों के लिए अमृत सरोवर मिशन की शुरुआत की है ताकि देश के प्रत्यक्ष जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाये जाएं।

 

कैसे किया जाएगा जल संरक्षण

 

आजादी के 75 वें वर्षगांठ में शुरू की गई इस योजना के तहत जल संरक्षण को बल दिया जाने के उद्देश्य से देश के प्रत्येक जिले में 75 तालाबों का निर्माण किया जाना सुनिश्चित है। बारिश के जल को तालाब में लाने की भी प्रॉपर व्यवस्था की जा रही है।  खासकर नाला बनाकर इस कार्य को किया जा रहा है। तालाबों की सुरक्षा  के लिए भी गांव के लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस मिशन के तहत ना सिर्फ नए जल संग्रह को बल्कि पुराने तालाबों को भी पुनर्जीवित किया जाएगा।

 

अमृत सरोवर योजना से जुड़े कुछ प्रश्न एवं उत्तर :

 

1 ) अमृत सरोवर योजना क्या है?

 

उत्तर: पीएम मोदी द्वारा शुभारंभ किया गया ये योजना देश के किसानों को तालाब प्रदान करने और सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लाया गया। योजना के अंतर्गत देश में 50 हजार तालाब निर्मित किए जाएंगे। साथ ही जो तालाब पहले से निर्मित हैं लेकिन उपयोग में नहीं हैं उन्हें पुनर्जीवित किया जाएगा। अमृत सरोवर योजना में किसान भाग ले सकते हैं। किसानों को तालाब बनाने के लिए सरकार द्वारा मदद की जाएगी। साथ ही ऐसे लोग जो इस योजना में रोजगार प्राप्त करना चाहते हैं वो भी आवेदन कर सकते हैं।

 

2) अमृत सरोवर योजना में तालाब कैसे बनता है?

 

उत्तर: इस योजना के तहत तालाब बनाने के लिए ज्यादातर मामलों में गांव की सरकारी जमीं का ही चयन किया जाता है। इस तालाब से उस गांव के हर किसान पानी ले सकते हैं, ऐसी  व्यवस्था की गयी है।  ये योजना पूरी तरह सरकारी है।

 

3) अमृत सरोवर योजना के तहत कौन सा राज्य सबसे पहले स्थान पर है?

 

उत्तर: अमृत सरोवर मिशन के तहत उत्तरप्रदेश राज्य सबसे पहले स्थान पर है। भारत का पहला अमृत सरोवर रामपुर में बना है।

 

4 ) उत्तरप्रदेश में कितने अमृत सरोवर का निर्माण किया गया है?

 

उत्तर: यूपी में 8462 झीलों या अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है। प्रधानमंत्री मोदी के जल संरक्षण अभियान में उत्तरप्रदेश अग्रणी राज्यों में से है।

 

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