कुछ लफ्ज़ मेरे अखंडता के लिए…

🔊 Listen to this ©गायकवाड विलास  परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र   जिस जमींपर आज ये तेरा महल शान से खड़ा है, उसी धरती मां के आंचल में दाग़ तुमने कितने लगाए है।   ये तिरंगा लहराने के लिए लहू सभीने बहाया है, मगर कुछ लोग आज इसी मिट्टी को भी अपनी जागीर समझने लगे … Continue reading कुछ लफ्ज़ मेरे अखंडता के लिए…