.

कुछ लफ्ज़ मेरे अखंडता के लिए…

©गायकवाड विलास 

परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र


 

जिस जमींपर आज ये तेरा महल शान से खड़ा है,

उसी धरती मां के आंचल में दाग़ तुमने कितने लगाए है।

 

ये तिरंगा लहराने के लिए लहू सभीने बहाया है,

मगर कुछ लोग आज इसी मिट्टी को भी अपनी जागीर समझने लगे है।

 

ये हरे रंग की धरती की हरियाली सभी का जीवन है,

फिर भी हरा,नीला,केशरी सभी रंगों को हमने क्युं यहां बांट लिया है?

 

नीला अंबर,हरी सृष्टि और शौर्य का प्रतिक केसरी,

रंग विविधता का प्रतिक,उसमें भी ये धर्म कहां से आएं है।

 

दिल में मानवता,मन में इन्सानियत और भाईचारा हमारी एकता,

सोच इन्सानों की बदली,मगर रंग लहू का कब यहां बदला है।

 

तुकडो में बंटे थे जब हम,तब कोई और झंड़ा यहां लहराता था,

मगर आज ये तिरंगा हमारी मातृभूमि का सरताज बना हुआ है।

 

जिस जमीं पर आज ये तेरा महल शान से खड़ा है,

उसी धरती मां के आंचल में दाग़ तुमने कितने लगाए है।

 

Gaikwad-Vilas-Latur-Maharashtra
गायकवाड विलास

 

? सोशल मीडिया

 

फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://www.facebook.com/onlinebulletindotin

 

व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld

 

ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.

 

? अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रकाशित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.in को जरूर पहुंचाएं।

 

ये खबर भी पढ़ें:

दो हंसों का जोड़ा बिछड़ गयो रे—!

 


Back to top button