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आम आदमी के लिए बड़ी खुशखबरी! देशभर में सस्ता होगा चावल का दाम, सरकार ने जारी किया बयान | Rice Price

Rice Price : ऑनलाइन बुलेटिन डेस्क | The government has banned the export of all types of raw rice except basmati rice. This decision has been taken keeping in mind the increase in domestic demand and control over retail prices during the upcoming festive season. In a statement issued by the Food Ministry, it has been said that no change has been made in the export policy of Basmati rice and all types of Usna rice. That is, only the export of non-basmati raw rice has been banned. Although basmati rice is exported from India on a large scale.

 

ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन : सरकार ने बासमती चावल को छोड़कर सभी तरह के कच्चे चावल के निर्यात पर बैन लगा दिया है. ये फैसला आगामी त्योहारी सीजन के दौरान घरेलू डिमांड में बढ़ोतरी और खुदरा कीमतों पर नियंत्रण को ध्यान में रखकर लिया गया है. खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बासमती चावल और सभी तरह के उसना चावल के निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यानी केवल गैर-बासमती कच्चा चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है. हालांकि भारत से बड़े पैमाने पर बासमती चावल का निर्यात किया जाता है. (Rice Price)

 

किन देशों को होता है निर्यात?

 

भारत से गैर-बासमती सफेद चावल का कुल निर्यात वित्तवर्ष 2022-23 में 42 लाख डॉलर का हुआ था, जबकि इससे पिछले वर्ष में निर्यात 26.2 लाख डॉलर का था. भारत के गैर-बासमती चावल निर्यात के प्रमुख गंतव्यों में थाईलैंड, इटली, स्पेन, श्रीलंका और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं. (Rice Price)

 

मंत्रालय ने दी जानकारी

 

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की एक अधिसूचना के मुताबिक, गैर-बासमती सफेद चावल (अर्ध-मिल्ड या पूरी तरह से मिल्ड चावल, चाहे पॉलिश किया हुआ हो या नहीं) की निर्यात नीति को मुक्त से प्रतिबंधित कर दिया गया है. मंत्रालय ने कहा है कि उचित कीमतों पर पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गैर बासमती चावल की निर्यात नीति में संशोधन किया गया है. इस कदम का उद्देश्य आगामी त्योहारों में कम कीमतें और पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना है. (Rice Price)

 

कीमतों में कटौती के लिए लिया फैसला

 

घरेलू बाजार में गैर-बासमती सफेद चावल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और स्थानीय कीमतों में वृद्धि को कम करने के लिए, सरकार ने तत्काल प्रभाव से निर्यात नीति में संशोधन कर इसे ’20 प्रतिशत के निर्यात शुल्क के साथ मुक्त’ से ‘निषेध’ श्रेणी में कर दिया है. (Rice Price)

 

बढ़ रही हैं चावल की कीमतें

 

बयान में कहा गया है कि चावल की घरेलू कीमतें बढ़ रही हैं. खुदरा कीमतें एक साल में 11.5 प्रतिशत और पिछले महीने में तीन प्रतिशत बढ़ी हैं. कीमत कम करने के साथ-साथ घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आठ सितंबर, 2022 को गैर-बासमती सफेद चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया गया था. (Rice Price)

 

कितना हुआ है निर्यात?

 

आपको बता दें इस किस्म का निर्यात वित्तवर्ष 2022-23 की सितंबर-मार्च अवधि में बढ़कर 42.12 लाख टन हो गया, जो पिछले वित्तवर्ष की सितंबर-मार्च अवधि के दौरान 33.66 लाख टन था. चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में लगभग 15.54 लाख टन चावल का निर्यात किया गया, जो कि एक साल पहले की अवधि में केवल 11.55 लाख टन था यानी इसमें 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

 

जारी हुआ बयान

 

बयान में कहा गया है कि निर्यात में इस तेज वृद्धि का कारण भू-राजनीतिक परिदृश्य, अल नीनो धारणा और अन्य चावल उत्पादक देशों में विषम जलवायु परिस्थितियों आदि के कारण अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आई तेजी हो सकती है. गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध से देश में उपभोक्ताओं के लिए कीमतें कम होंगी. हालांकि, गैर-बासमती चावल (उसना चावल) और बासमती चावल की निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जो चावल निर्यात का बड़ा हिस्सा है.

 

 

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