गुंबद के नीचे खाली स्थान, आती है ठक-ठक की आवाज gumbad ke neeche khaalee sthaan, aatee hai thak-thak kee aavaaj
वाराणसी | [उत्तर प्रदेश बुलेटिन] | ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की दूसरी रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद के सभी क्षेत्रों में कई तरह के धार्मिक चिह्न मिले हैं। साथ ही गुंबद के नीचे एक खाली स्थान का भी रिपोर्ट में उल्लेख है। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में बताया गया है कि वहां ठोकने पर ठक-ठक की आवाज आती है। विशेष कोर्ट कमिश्नर ने अनुमान लगाया है कि वह अंदर से खोखला स्थान है, जिसे मलबा डालकर पाटा गया है। रिपोर्ट के इस बिंदु पर वादी अधिवक्ताओं ने दावा किया है कि मस्जिद की पश्चिमी दीवार के बंद दरवाजे को हटाकर नीचे भूतल में सर्वे किया जाय तो वहां स्वयंभू आदि विश्वेश्वर व अन्य विग्रह मिलेंगे।
विशेष कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह व सहायक कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने 14 से 16 मई तक हुए सर्वे की रिपोर्ट अदालत में सौंपी। 8 पेज की रिपोर्ट के साथ 2 नक्शा, 70 एलेक्जर व 3 बॉक्स भी कोर्ट को सौंपे गए हैं। बॉक्स में फोटोग्राफ, वीडियो के चिप्स व अन्य उपकरण हैं। विशेष कोर्ट कमिश्नर ने गुरुवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में सौंप दी।
पुरानी हिंदी में लिखी 7 लाइनें
सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में उल्लिखित है कि उत्तरी तहखाने की दीवार पर जमीन से 3 फीट ऊपर तक पान के पत्ते के आकार की फूल की आकृति के अलावा 1 खम्भे पर पुरातन हिंदी में 7 लाइनें खुदी मिली हैं, जो पढ़ने लायक नहीं थीं। खम्भे के चारों ओर घंटे, कलश व फूल की आकृति थी। उत्तर-पश्चिम की ओर 2 अन्य तहखाने हैं। उनमें 1 खाली है, जिसके अंदर सफेद चूने की पोताई हुई है। पास में स्थित दूसरा छोटा तहखाना मलबा से भरा है। उसका सर्वे नहीं हो पाया।
ऐश्वर्य मंडप के निशान
सूत्रों के अनुसार 3 बड़े खंभों के अलावा 1 और मंडप भी मिला जो क्षतिग्रस्त है। वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने मौके पर दावा किया था कि यह आदि विशेश्वर के पीछे ऐश्वर्य मंडप है। दोनों खम्भों के दाएं व बाएं दीवारें हैं। जैन ने इस पर भी दावा किया कि ये उत्तर की ओर से भैरव व दक्षिण में गणेश मंदिर की दीवारें हैं। वादी ने दीवार के बीच पड़े मलबे को हटाने की मांग की थी, जिसे कोर्ट कमिश्नर ने अदालत के आदेश का हवाला देते हुए खारिज कर दिया था।
Empty space under the dome, comes the sound of thk
Varanasi | [Uttar Pradesh Bulletin] | The second report of the survey of the Gyanvapi complex states that various religious symbols have been found in all areas of the mosque. Also an empty space under the dome is also mentioned in the report. According to sources, it has been told in the report that there is a sound of thumping when knocked there. The Special Court Commissioner has estimated that it is a hollow space from inside, which has been filled with debris. At this point of the report, the plaintiff advocates have claimed that if the survey is done in the ground floor by removing the closed door of the western wall of the mosque, then Swayambhu etc. Vishweshwar and other deities will be found there.
Special Court Commissioner Vishal Singh and Assistant Court Commissioner Ajay Pratap Singh submitted the report of the survey conducted from May 14 to 16 in the court. Along with the 8 page report, 2 maps, 70 ejectors and 3 boxes have also been handed over to the court. In the box are photographs, video chips and other equipment. The Special Court Commissioner handed over the matter to the Court of Civil Judge (Senior Division) on Thursday.
7 lines written in old Hindi
According to sources, it is mentioned in the report that in addition to the shape of a flower shaped like a betel leaf up to 3 feet above the ground on the wall of the northern basement, 7 lines in ancient Hindi have been found on one pillar, which were not readable. Around the pillar was the shape of a bell, a vase and a flower. There are 2 other basements on the north-west side. One of them is empty, inside which is smeared with white lime. Another small cellar located nearby is full of debris. His survey could not be done.
signs of aishwarya pavilion
According to sources, apart from 3 big pillars, one more pavilion was also found which is damaged. Senior advocate Harishankar Jain had claimed on the spot that this is the Aishwarya Mandap behind Adi Visheshwar. There are walls on the right and left of both the pillars. Jains also claimed that these are the walls of Bhairav in the north and the Ganesh temple in the south. The plaintiff had sought removal of the debris lying in the middle of the wall, which was rejected by the court commissioner citing the order of the court.