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आइसक्रीम के सेहत के प्रति प्रभाव: सच या मिथक?

गर्मी के मौसम में ठंडी-ठंडी आइसक्रीम का मजा लेना किसे पसंद नहीं होता है? बच्चे हों या बड़े, हर कोई इस स्वादिष्ट डेजर्ट का आनंद लेता है. हालांकि, आजकल लोग अपनी फिटनेस पर ज्यादा ध्यान देते हैं, जिसके कारण वो आइसक्रीम नहीं खाते. उनका मानना होता है कि आइसक्रीम ज्यादा मीठा और फैटी होने के कारण सेहत के लिए अच्छी नहीं होती. लेकिन क्या सच में आइसक्रीम खाने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है? इस बारे में कुछ डाइटिशियन ने अपनी राय दी.

हफपोर्ट की खबर के मुताबिक, डाइटिशियन तामार सैमुअल्स किसी भी भोजन या उसे खाने की मात्रा को 'अच्छा' या 'बुरा' बताने से बचती हैं. उनका कहना है कि ऐसा करने से खाने के साथ गलत संबंध बन सकता है. वहीं, हर व्यक्ति की पोषण संबंधी जरूरतें अलग-अलग होती हैं. इसी तरह का नजरिया एक अन्य डाइटिशियन मैगी माइकल्जिक का भी है. उनका कहना है कि आइसक्रीम जरूर कम पोषक तत्वों वाला भोजन है, लेकिन इसे संतुलित मात्रा में खाया जा सकता है.

आइसक्रीम का लेबल पढ़ना जरूरी

बाजार में कई तरह की आइसक्रीम मौजूद हैं, जिनमें पोषण का लेवल भी अलग-अलग होता है. इसलिए लेबल पढ़ना जरूरी है. उदाहरण के तौर पर, एक वेनिला बीन आइसक्रीम के 2/3 कप वाले एक सर्विंग में 32 ग्राम चीनी और 13 ग्राम सेचुरेटेड फैट होता है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) पुरुषों को रोजाना चीनी की 36 ग्राम और महिलाओं के लिए 25 ग्राम से अधिक खाने की सलाह नहीं देता है. वहीं सेचुरेटेड फैट के लिए AHA दो हजार कैलोरी वाली डाइट में 13 ग्राम से अधिक न लेने की सलाह देता है. यानी आइसक्रीम का एक स्कूप ही पूरे दिन की चीनी और सैचुरेटेड फैट की मात्रा को पूरा कर सकता है.

आइसक्रीम को पूरी तरह छोड़ना भी ठीक नहीं
डाइटिशियन एडविना क्लार्क कहती हैं कि भले ही आइसक्रीम में सैचुरेटेड फैट और चीनी ज्यादा होती है, फिर भी यह हेल्दी डाइट का रोजाना हिस्सा हो सकता है. इसके कुछ स्वास्थ्य लाभ भी हैं. वह कहती हैं कि रोज रात को एक स्कूप आइसक्रीम खाने से आपकी सेहत को कोई नुकसान नहीं होगा. आइसक्रीम कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन B12 का एक अच्छा सोर्स है और कई बार खुशी और पुरानी यादें दिलाता है, जो खाने के महत्वपूर्ण काम हैं.

विटामिन-ए का अच्छा सोर्स

सैमुअल्स बताती हैं कि दूध और क्रीम विटामिन-ए का अच्छा सोर्स होते हैं, जो आंखों की सेहत और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए जरूरी पोषक तत्व है. वह कहती हैं कि ये डेयरी प्रोडक्ट्स कोलीन भी प्रदान करते हैं, जो दिमाग के शुरुआती विकास और मेटाबॉलिज्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आइसक्रीम में फैट की मात्रा अधिक होने के कारण यह अन्य मिठाइयों की तुलना में ज्यादा तृप्ति भी दे सकता है, जिनमें ज्यादातर चीनी और रिफाइंड होता है.

आइसक्रीम के साइज पर दे ध्यान

तीनों डाइटिशियन इस बात पर जोर देते हैं कि अगर आप हर दिन आइसक्रीम खाने जा रहे हैं, तो सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप इसकी मात्रा का ध्यान रखें. क्लार्क का कहना है कि ज्यादातर लोगों के लिए एक दिन में अधिकतम एक सर्विंग (जो कि अक्सर आधा कप होता है) ही काफी है. हालांकि, कुछ स्थितियां ऐसी भी हो सकती हैं, जहां इससे ज्यादा मात्रा फायदेमंद हो सकती है, यह भी महत्वपूर्ण है कि आप अपने पूरी डाइट को देखें. अगर आप दिन भर में बहुत अधिक चीनी खा रहे हैं, तो ऐसे में आइसक्रीम को अपनी डाइट में शामिल न करें.


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