🔊 Listen to this ©गायकवाड विलास परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र मन में छाए बादल, देखो भीगा है आंचल अश्क नैनों से बहते, कब रूक जायेंगे। उठी यादों की लहरें, रूक गई है बहारें , सुना सुना है आंगन, तुम कब आओगे। रूठी है कहां खुशियां, बैरन हुई निंदिया , तुम बिन … Continue reading कैसे करूं मैं श्रृंगार…
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