🔊 Listen to this ©अशोक कुमार यादव परिचय- मुंगेली, छत्तीसगढ़. नारी घर से निकल नहीं सकती, शातिर भेड़िये ताक रहे। उल्लू और चमगादड़, देकर संदेश कोटर से झाँक रहे।। सुख-चैन और नींद को छीनने, गली-गली घूमते हैं पापी। बेटियाँ सुरक्षित नहीं है भारत में, यह कैसी है आजादी? कोई दहेज के लिए प्रताड़ित … Continue reading यह कैसी है आजादी…
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