बर्बादी का आगाज किए…

🔊 Listen to this ©गायकवाड विलास परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र   बदला-बदला सा ये गुलिस्तां देखो आज कितना बेचैन है, इसी गुलिस्तां पर मर मिटनेवाला वो कारवां कहां है।   जाते-जाते वो हमें आजाद गुलिस्तां की सौगात दे गए, अपने लहू का निशां वो इस मिट्टी के कण-कण में छोड़ गए।   हर जगह … Continue reading बर्बादी का आगाज किए…