🔊 Listen to this ©अशोक कुमार यादव परिचय- मुंगेली, छत्तीसगढ़. तोर जय होवय गनेश देवता। करहूँ मैंय हा मान-मनौता।। जिनगी मा सुख तैंय लाए हच। बिगड़े काम ला बनाए हच।। बिकट दुख मैंय पावत रेहेंव। अपने-अपन नठावत रेहेंव।। कुलूप छाए रहिसे अँधियारी। किरपा करके करे उजियारी।। एक दिन करेंव परतिगिया। घर ले … Continue reading जय गनेश देवता…
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