यूं ही मन को हंसाएं…

🔊 Listen to this ©गायकवाड विलास परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र   दुखी विधवा की व्यथा, सिन्दूर बिना वो माथा , सहती गमों के घाव अपने जीवन में।   सहमी सहमी रहे , दुखड़ा किससे कहें, अश्क बहते नैनों से, बेबस जीवन में।   जग की रीत निराली, पिया बिना वो अकेली, ख़ुद खुदकी सहेली … Continue reading यूं ही मन को हंसाएं…