🔊 Listen to this ©गायकवाड विलास परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र बारिश की बूंदें कभी हंसाती । घने काले बादल जगाते उम्मीद, फिर चलती हवाएं वो उम्मीद जलाती। सृष्टि चक्र की है ये अजब लीला, कभी-कभी होती है बारिश धुंआधार। बारिश बिना अधूरी संसार की आशाएं, बूंद-बूंद पानी ही जीवन को बचाएं। … Continue reading अब तो देख ऐ इन्सा…
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