.

माँ के चेहरे पर | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©नीरज यादव

परिचय- चम्पारण, बिहार.


 

ना ही मैं धन – दौलत

और मकान चाहता हूँ।

बस मेरे माँ के चेहरे पर,

एक मुस्कान चाहता हूँ।

 

चाहता हूँ कि सदा,

वह मुस्कुराती रहे।

मेरी हर गलतियों पर सदा,

वह मुझे समझाती रहे।

 

चाहता हूँ कि सदा,

वह मुझे डाँटती रहे।

अपनी हाथों से सदा,

वह मुझे खिलाती रहे।

 

माँ की प्यार – दुलार में,

मैं डूब जाना चाहता हूँ।

माँ की ममता पर,

मैं ख़ूब गाना चाहता हूँ।

 

ना ही मैं धन – दौलत

और मकान चाहता हूँ।

बस मेरे माँ के चेहरे पर,

एक मुस्कान चाहता हूँ।

 

ये भी पढ़ें:

पोखरा मानबेला भटोलिया बुद्ध विहार में बोधिसत्व डॉ भीम राव अम्बेडकर का परिनिर्वाण दिवस समारोह संपन्न | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन


Back to top button