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एक गलती ने इजरायल को बैकफुट पर ला दिया, अब दोस्त भी बने दुश्मन !

वॉशिंगटन/ लंदन

इजरायल की ओर से गाजा पट्टी और पश्चिमी बैंक पर लगातार हमले जारी हैं। फिलिस्तीन पर इन हमलों के बाद भी उसे अमेरिका, ब्रिटेन जैसे पश्चिमी देशों का समर्थन हासिल था। लेकिन पिछले दिनों उसकी एक गलती ने इजरायल को बैकफुट पर ला दिया है। दरअसल इसी सप्ताह इजरायल ने गलती से एक हमला सहायता कार्य में जुटे दल पर कर दिया था। इसमें 8 लोग मारे गए हैं, जिनमें 3 ब्रिटिश नागरिक भी शामिल हैं। इसके चलते इजरायल की शामत आ गई है और अमेरिका से लेकर ब्रिटेन तक ने अल्टिमेटम दिया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तो साफ कहा है कि गाजा को लेकर हमारी पॉलिसी अब इजरायल पर निर्भर करेगी। यदि वह आम नागरिकों एवं सहायता कार्य में लगे लोगों पर ही हमला करता है तो फिर उसका बचाव करना मुश्किल होगा। जो बाइडेन ने गुरुवार को खुद इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से बात की। उन्होंने कहा कि आपको तुरंत ही आम नागरिकों को बचाने के लिए कदम उठान होंगे। इसके अलावा राहत एवं सहायता में लगे लोगों को भी बचाना होगा। उन पर हमला स्वीकार नहीं किया जा सकता। यही नहीं बाइडेन ने नेतन्याहू को सलाह दी कि वह तुरंत डील करें ताकि शांति हो सके।

उन्होंने कहा कि हमास से आप डील कर लें ताकि बंधकों को वापस लाया जा सके। इसके अलावा युद्ध को भी विराम देने की जरूरत है। जो बाइडेन के रुख में इस तरह बड़ा बदलाव हुआ है, जब उन्होंने इस तरह इजरायल का खुलकर विरोध किया है। इससे पहले लगातार वह इजरायल का समर्थन कर रहे थे। 7 अक्टूबर को हमास की ओर से किए हमले के बाद अमेरिका का कहना था कि इजरायल का अधिकार है कि वह अपनी रक्षा के लिए कदम उठाए। हालांकि अब बचाव एवं राहत कार्य में लगे लोगों पर ही हमला होने से पूरी तस्वीर बदल गई है।

इस बीच ब्रिटेन की सरकार पर भी दबाव है कि वह इजरायल की मदद रोके। ब्रिटेन के 600 वकीलों और रिटायर्ड जजों ने सरकार से अपील की है कि वह इजरायल को हथियारों की सप्लाई रोक दे। बचावकर्मियों पर हमले में 8 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 3 ब्रिटिश भी शामिल हैं। इसके चलते गुस्सा भड़क गया है। वकीलों ने कहा कि लगातार हमलों से गाजा में भुखमरी के हालात है। अब तो बचावकर्मी भी निशाने पर आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में भी इजरायल को हथियारों की सप्लाई करना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है।

 


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