ऑनलाइन बुलेटिन : दर्द-ए-गमों की दास्तां…

🔊 Listen to this ©गायकवाड विलास परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र   सूखी टहनियों के साथ पेड़ वो अश्क बहाता है, उनके दर्द-ए-गमों की दास्तां कौन यहां सुनता है।   हरी-भरी टहनियों पर था कल कितने सारे पंछियों का बसेरा, सूखी टहनियों के साथ खड़ा है आज,वही पेड़ बनके बेसहारा।   वक्त के साथ-साथ सबकुछ … Continue reading ऑनलाइन बुलेटिन : दर्द-ए-गमों की दास्तां…