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प्रशासन व सत्ता में सामाजिक एकजुटता के बिना हिस्सेदारी संभव नहीं- विनोद Ambedkar

Ambedkar : बीकानेर | [राजस्थान बुलेटिन] | Vinod Ambedkar said- ‘You people should look at your condition, neither in education, nor in administration, nor in power, nor in population proportion, nor in social respect, anywhere. That’s why you people are tortured, you are being entitled, how long will you live a life of poverty and humiliation? I want to give participation to the last rung castes in education, administration and power, which is not possible without social solidarity. If there is no participation in the administration and power, then the atrocities will not end with you, nor will the entitlement stop. If you trust me and cooperate in creating social solidarity with the ideology of Phule, Ambedkar, Kanshi Ram, then I will give you people participation in administration and power as bonus.

 

ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन : परिवर्तन संस्था द्वारा सामाजिक एकजुटता से प्रशासन एवं सत्ता में भागीदारी विषय को लेकर टाउन हॉल बीकानेर में 16 जुलाई को अधिवेशन का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष वेदवीर सिंह आदिवासी ने तथा बतौर मुख्य अतिथि संस्था प्रमुख चौधरी विनोद अंबेडकर की गरिमामई उपस्थिति रही। अधिवेशन का प्रारंभ विश्वरात्न डॉ. बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर के चित्र के सम्मुख पुष्पार्पित कर समूहगान से किया गया।(Ambedkar)

 

अधिवेशन में संस्था प्रमुख चौ. विनोद अंबेडकर ने कहा कि-‘ आप लोग अपनी दशा तो देखो,, ना शिक्षा में, ना प्रशासन में, ना सत्ता में जनसंख्या अनुपात में हिस्सेदारी ना सामाजिक सम्मान, कही भी तो नहीं हो। इसीलिए आप लोगो पर अत्याचार होते है, हकमारी हो रही है, आखिर कब तक गरीबी और जिल्लत का जीवन जिओगे ?

Ambedkar

मैं अंतिम पायदान की जातियों को शिक्षा, प्रशासन एवं सत्ता में भागीदारी दिलाना चाहता हूॅं जो सामाजिक एकजुटता के बिना संभव नही है। अगर प्रशासन और सत्ता में भागीदारी नहीं होगी तो आप के साथ अत्याचार खत्म नही होंगे और ना ही हकमारी रुकेगी। आप लोग मुझपर भरोसा करके फुले, अंबेडकर, कांशीराम की विचारधारा से सामाजिक एकजुटता पैदा करने में सहयोग करें, तो मैं आप लोगो को प्रशासन और सत्ता में भागीदारी बोनस में दूंगा। (Ambedkar)

 

लेकिन आपकी प्राब्लम ये है कि आपको दोस्त और दुश्मन की पहचान नहीं है। तुम उन्ही राजनैतिक दलों, सामाजिक संगठनों और नेताओं के पीछे दौड़ते रहते हो जो तुम्हे हमेशा अपना पिछलग्गू बनाए रहते हैं। ध्यान रहे उनकी मनसा कभी भी तुम्हे कुछ देने की नहीं हैं।’

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अध्यक्षणीय भाषण में केंद्रीय अध्यक्ष वेदवीर सिंह आदिवासी ने कहा कि संस्था प्रमुख फूले, अंबेडकर, कांशीराम की विरासत के वारिस है. वो आपको मान सम्मान अधिकार दिलाने के लिए 28 वर्षो से सत्यनिष्ठा के साथ परिश्रम की प्रकाष्ठा कर रहे है। उनकी मनसा स्वयं को नही बल्कि समाज को लाभान्वित करने की है। (Ambedkar)

 

इस अवसर पर साहित्यकार कवि श्याम निर्मोही की पुस्तक ‘रेत पर कश्तियाॅं’ पुस्तक का विमोचन किया गया | तथा समाज की प्रतिभाओं श्याम निर्मोही, श्वेता जावा, मयूर बारासा एवं रेखा घारु इत्यादि का संस्था द्वारा सम्मान भी किया गया |

 

इस दौरान विशिष्ठ अतिथि के रूप में सोनू सिंह अंबेडकर (केंद्रीय प्रचार सचिव परिवर्तन संस्था), सोहनलाल चांवरिया (प्रदेश अध्यक्ष राज.), श्रीमती उषा चरनाल (प्रदेश अध्यक्ष महिला विंग, राज.), डॉ. रवीन्द्र पंवार (वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ, बीकानेर), आनंदमल चौहान (पूर्व प्रधानाचार्य, बीकानेर), डॉ. बी.आर. जेदिया (सेवानिवृत संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग, बीकानेर), नंदलाल जावा (पार्षद, बीकानेर), शिवलाल तेजी (वरिष्ठ समाज सेवी, बीकानेर), ओमप्रकाश लोहिया ने भी अधिवेशन को संबोधित किया।(Ambedkar)

 

अधिवेशन में मुख्य रूप से मोहनलाल गोड़ीवाल, रामबाबू गोड़ीवाल, सूरज डागर, दिलीप कुमार, प्रवीण लखन, अजय डंडोरिया, मुकेश गोयर, साजन खराड़िया, राजेश मल्होत्रा, अजीत कल्ला, विनोद जावा, जयदेव सिंह जावा, सुजीत जावा, आचार्य ओमप्रकाश घारू, श्यामलाल बरासा, अमित तेजी विनोद कुमार धानका आदि शामिल रहे ।

 

जिलाध्यक्ष बीकानेर विपुल चांगरा ने सभी आगंतुकों का संस्था की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन छवि जावा ने किया।(Ambedkar)

 

 

 

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