पति को माता-पिता से अलग रहने के लिए मजबूर करना मानसिक क्रूरता pati ko maata-pita se alag rahane ke lie majaboor karana maanasik kroorata
बिलासपुर | [कोर्ट बुलेटिन] | कोर्ट ने कहा कि एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करने की जिम्मेदारी बेटे की होती है। ऐसे में यदि पत्नी लगातार पति को अपने परिवार से अलग होने और उसे घर जमाई बनने पर मजबूत करती है और ऐसा ना करने पर धमकी भी देती है तो ये पति पर मानसिक क्रूरता है। पीठ ने पति को मानसिक प्रताड़ना के आधार पर तलाक का आदेश दिया था।
तलाक के एक मामले पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कहा कि पत्नी अगर अपने पति पर अपने माता-पिता से अलग रहने का दवाब डालती है तो ये मानसिक क्रूरता है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कहा कि दहेज के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी देकर अपने माता पिता से अलग रहने के लिए पति को ब्लैकमेल करना मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है।
जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की पीठ ने पीड़ित पति के तलाक की अर्जी को मंजूर करते हुए ये टिप्पणी की। दरअसल पीड़ित पति ने कोरबा फैमिली कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसमें कूरता के आधार पर उसकी तलाक की अर्जी को खारिज कर दिया गया था।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि रिकार्ड से पता चलता है कि पति-पत्नी 2 महीने ही साथ रहे कि उनके बीच मतभेद शुरू हो गया। इस दौरान पत्नी पति पर अपने माता-पिता को छोड़कर उसके साथ उसके घर पर रहने के लिए दवाब बनाती रही।
इस दौरान लड़की के पिता ने भी लड़के पर अपने माता-पिता को छोड़कर उनके साथ रहने के लिए दवाब बनाया। रिपोर्ट के मुताबिक पति ने अपनी पत्नी और उसके माता-पिता को खूब मनाने की कोशिश की लेकिन वो कामयाब नहीं रहा।
कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि पत्नी की आर्थिक स्थिति पति की तुलना में ज्यादा अच्छी है। इसलिए वो उसके साथ तो रहना चाहती है लेकिन उसके घरवालों के साथ नहीं रहना चाहती। इसी वजह से वो अपने पति पर अपना घर छोड़कर उसके घर घर जमाई बनकर रहने के लिए दवाब बनाती रही है।
Mental cruelty forcing husband to live separately from parents
Bilaspur | [Court Bulletin] | The court said that in a lower middle class family, it is the responsibility of the son to take care of his elderly parents. In such a situation, if the wife constantly strengthens the husband after separating from her family and becoming a householder and also threatens to do so, then it is mental cruelty on the husband. The bench had ordered divorce on the ground of mental harassment to the husband.
While hearing a divorce case, the Chhattisgarh High Court said that if the wife pressurizes her husband to live separately from her parents, then it is mental cruelty. The Chhattisgarh High Court has held that blackmailing a husband to live separately from his parents by threatening to implicate him on false dowry charges amounts to mental cruelty.
A bench of Justice Gautam Bhaduri and Justice NK Chandravanshi made these observations while allowing the divorce petition of the aggrieved husband. In fact, the aggrieved husband had challenged the decision of the Korba Family Court in the High Court. In which his divorce application was rejected on the ground of cruelty.
The Chhattisgarh High Court, during the hearing on this matter, said that the record shows that the husband and wife lived together for only two months that differences started between them. During this, the wife kept pressurizing the husband to leave his parents and live with him at his house.
During this, the girl’s father also pressured the boy to leave his parents and live with them. According to the report, the husband tried a lot to persuade his wife and her parents but he was not successful.
The court said that it appears that the financial condition of the wife is better than that of the husband. That’s why she wants to be with him but doesn’t want to be with his family members. For this reason, she has been pressurizing her husband to leave her house and stay at his house as a Jamai.