🔊 Listen to this ©बिजल जगड परिचय- मुंबई, घाटकोपर प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है, मेरे जानिब नज़्में ग़ज़लें ख़त अफसाने तरहदार सा लगता है। रात रानी मेरे सुने आंगन में खुशबू लूटा रही थी, नौ-ख़ेज़ बहारों के फूल गुलाबी खत का संदूक सा लगता है। दर्द की … Continue reading प्यासा दरिया…
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