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प्रशासनिक सुधार मंत्री गोविन्द मेघवाल से राजस्थान शिक्षक संघ ने बीएलओ ड्यूटी से मुक्त करने की मांग : गहलोत | ऑनलाइन बुलेटिन

सिरोही | [राजस्थान बुलेटिन] | राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के प्रदेश मुख्य महामंत्री धर्मेंद्र गहलोत के नेतृत्व में प्रतिनिधि मण्डल ने प्रदेश के प्रशासनिक सुधार एवं नियोजन मंत्री गोविन्द कुमार मेघवाल को ज्ञापन सौपकर बीएलओ शिक्षकों से बेगारी का कार्य नहीं करवाकर सिर्फ मतदाता सूचियों से संबंधित कार्य का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करवाकर बीएलओ ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग की। संगठन के मीडिया प्रवक्ता गुरुदीन वर्मा ने ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन www.onlinebulletin.in को इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

 

संघ (प्रगतिशील) के जिला मंत्री इनामुल हक कुरैशी ने बताया कि प्रदेश मुख्य महामंत्री धर्मेंद्र गहलोत ने प्रशासनिक सुधार मंत्री को दिये ज्ञापन में बताया हैं कि बीएलओ शिक्षकों से बेगारी का कार्य नहीं करवाकर सिर्फ मतदाता सूचियों के निर्माण व संशोधन के लिए और मतदान केंद्र प्रभारी के रूप में ही बीएलओ के रूप में किसी कर्मचारी को नियुक्त किया जाता है लेकिन वर्तमान समय में प्रशासन व अधिकारियों द्वारा कोरोनाकाल की आड में हर विभाग के कार्य के लिए बीएलओ को एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी या नौकर की तरह काम में लिया गया है तथा बिना अवकाश व अल्प मानदेय के कोल्हू के बैल की तरह हर विभाग का काम करवाया जा रहा है।

 

हर विभाग के अधिकारी इन बीएलओ को बेचारा समझकर अपने विभाग के कार्यों में अपने हाथों की कठपुतली समझकर अपनी अंगुलियों पर नचाकर काम करवा मानसिक रूप से प्रताडित कर रहे है जो किसी भी स्थिति में न्यायोचित नहीं हैं। कोरोनाकाल में भी इन बीएलओ को बिना अवकाश दिये कोल्हू के बैल में रूप काम में लिया गया है और अभी भी वैक्सिनेशन के लिए इन बीएलओ को घर घर भेजा जा रहा है जबकि यह कार्य चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग, नगरपालिका, नगरपरिषद, नगर निगम एवं ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों का कार्य है।

 

इन बीएलओ के परिवार में कोई पारिवारिक या सामाजिक कार्यक्रम हो या फिर इनके परिवार में कोई बीमार या खुद बीमार हो फिर भी प्रशासन या अधिकारी द्वारा इनको अवकाश नहीं दिया जाता है तथा वर्षों तक इन बीएलओ को बिना परिवर्तित किये प्रशासन और अधिकारियों द्वारा आर्थिक व मानसिक रूप से इन बीएलओ का शोषण किया जा रहा है और बीएलओ लगाने व हटाने में भी अधिकारियों और प्रशासन द्वारा पक्षपात किया जा रहा है।

 

इस समय विद्यालयों में नियमित कक्षा शिक्षण कार्य एवं परीक्षा कार्य चल रहा है लेकिन शिक्षकों के बीएलओ के रूप में नियुक्त होने और बीएलओ शिक्षकों की वैक्सिनेशन में ड्यूटी होने से विद्यालयों में शिक्षण कार्य के साथ परीक्षा का कार्य प्रभावित हो रहा है और प्रशासन व अधिकारी इन शिक्षकों को बीएलओ कार्य से मुक्त नहीं करने से विद्यालयों में विद्यार्थियों के परीक्षा आयोजन में बाधा उत्पन्न हो रही हैं।

 

वैसे नई शिक्षा नीति में शिक्षकों को बीएलओ जैसे दीर्घकालिक गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखने के निर्देश है। फिर भी जब अन्य विभागों के कर्मचारी बीएलओ कार्य के लिए उपलब्ध नहीं हो, तब ही शिक्षक को उसके अधिकारी की अनुमति पर बीएलओ नियुक्त करने के निर्देश है।

 

संगठन के मीडिया प्रवक्ता गुरुदीन वर्मा के अनुसार गहलोत ने मेघवाल को अवगत कराया कि बीएलओ शिक्षक से सिर्फ मतदाता सूचियों के निर्माण व संशोधन सम्बंधित कार्य के अलावा किसी भी तरह का अन्य कार्य नहीं देने, मतदान केंद्रों पर बीएलओ के कार्य की अवधि 5 घण्टे ही रखी रखने, शीतकालीन, ग्रीष्मकालीन, मध्यावधि अवकाश व अन्य अवकाश के दिनों में कार्य के बदले सरकारी कर्मचारियों को उपार्जित अवकाश देने, संविदा कर्मियों को अवकाश के दिनों में प्रतिदिन 400 रुपये मानदेय देने, बीएलओ शिक्षकों को प्रति दो वर्ष में बदलने, 55 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारी को बीएलओ नहीं बनाने, बीएलओ के रूप में मानदण्ड अनुसार केवल तृतीय श्रेणी शिक्षक ही लगाया जाये।

 

किसी भी स्थिति में द्वितीय श्रेणी विषयाध्यापक एवं खेल प्रभारी शारीरिक शिक्षक को बीएलओ नहीं बनाने, बीएलओ ड्यूटी के समय किसी बीएलओ के साथ कोई दुर्घटना होने पर चुनाव आयोग द्वारा उस बीएलओ के इलाज का पूरा खर्च उठाने और बीएलओ ड्यूटी के समय किसी बीएलओ की मृत्यु होने पर चुनाव आयोग बीएलओ के परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा व परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने, प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षकों की कमी होने के कारण इन प्राथमिक कक्षाओं के शिक्षकों को बीएलओ कार्य से मुक्त रखने, बीएलओ का मानदेय प्रतिमाह 2500 रुपये देने, चुनाव के समय मतदान दलों की व्यवस्था के लिए बीएलओ को ही बजट आवंटित करने या फिर मतदान दलों की व्यवस्था सम्बंधित कार्य से बीएलओ को मुक्त रखने, चुनाव के समय बीएलओ/प्रगणकों को मतदान दलों की व्यवस्था में लगाने पर प्रतिदिन 400 रुपये का मानदेय बीएलओ या प्रगणकों देने, पारिवारिक व सामाजिक कार्य के समय तथा बीमारी में बीएलओ को भी सहर्ष अवकाश देने और ऐसी स्थिति में सहायक बीएलओ या प्रगणक लगाने, किसी बीएलओ या प्रगणक की गलती पर बिना जांच पडताल के बीएलओ या प्रगणक को निलंबित नहीं करने व किसी बीएलओ या प्रगणक को निलंबित करने या दण्ड देने का अधिकार संबंधित विभागीय अधिकारी देने, कोरोना के कार्यों, कोरोना वैक्सिनेशन कार्य व खाद्य सुरक्षा कार्य जैसे विभिन्न विभागों के कार्यों से बीएलओ शिक्षकों को मुक्त रखकर स्थानीय शिक्षित बेरोजगार युवाओं को इस बीएलओ कार्य में नियुक्त करके बेरोजगार युवाओं को बीएलओ के रूप रोजगार देने, नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों को बीएलओ कार्य से मुक्त रखकर शिक्षकों को राहत देने की मांग की।

 

प्रतिनिधि मण्डल में जिलाध्यक्ष देवेश खत्री, उप शाखाध्यक्ष इन्दरमल खण्डेलवाल, धर्मेन्द्र खत्री, रणजीत सिंह, ओमजी लाल शर्मा, प्रवीण जानी, भंवरलाल हिण्डोनिया, जितेन्द्रकुमार, रमेश रांगी, शैतान सिंह देवडा, शंकरलाल कुम्हार, भीखाराम कोली सहित अनेकों शिक्षक नेता उपस्थित थे।


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