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केजरीवाल के ‘मिशन गुजरात’ में बाधा बन रहे थे राजेंद्र गौतम, जानिए “आप पार्टी” से इस्तीफे का हिंदुत्व कनेक्शन | ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली | [नेशनल बुलेटिन] | Rajendra Pal Gautam Resigns: दिल्ली की केजरीवाल सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। श्री गौतम ने पिछले दिनों बौद्ध महासभा के आयोजन में हिस्सा लिया था, जहां पर हिंदू देवी-देवताओं का बहिष्कार करने की शपथ ली गई थी। Rajendra Gautam Resigns: पूरी घटना का वीडियो सामने आने के बाद से ही बीजेपी हमलावर थी और श्री गौतम को बर्खास्त किए जाने की मांग कर रही थी।

 

 

सूत्रों के अनुसार, खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिनकी तस्वीर के पीछे अक्सर डॉ. अंबेडकर की तस्वीर नजर आती है; वे भी राजेंद्र गौतम से काफी नाराज थे। गुजरात में बीजेपी को घेरने पहुंचे केजरीवाल पर बीजेपी ने करारा वार किया था और उन्हें हिंदू विरोधी बताते हुए कई पोस्टर्स लगाए थे। ऐसे में एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि राजेंद्र पाल के घटनाक्रम से गुजरात में आम आदमी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता था।

 

पोस्टर्स के चलते बैकफुट पर थे केजरीवाल

 

दिल्ली और पंजाब में जीत हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी की अगली नजर गुजरात है, जहां पर इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल खुद गुजरात के कई दौरे कर चुके हैं और लोगों से बीजेपी को हराने की अपील कर रहे हैं।

 

केजरीवाल की तमाम रैलियों में काफी भीड़ भी इकट्ठी हो रही है, जिसके चलते एक्सपर्ट्स आम आदमी पार्टी को चुनाव में अहम दल मान रहे हैं। गुजरात फतह करने में लगी आम आदमी पार्टी को उस वक्त करारा झटका लगा, जब उन्हीं के मंत्री राजेंद्र गौतम की वजह से पार्टी को बैकफुट पर आना पड़ा।

 

बीजेपी ने पूरे मुद्दे को लपकते हुए गुजरात के कई शहरों में केजरीवाल के हिंदू विरोधी होने के पोस्टर लगा दिए। साथ ही मुख्यमंत्री को मुस्लिम टोपी पहने हुए दिखाया गया।

 

अहमदाबाद, सूरत और राजकोट की सड़कों पर लगे इन पोस्टर्स में से एक में लिखा था कि मैं हिंदू धर्म को पागलपन मानता हूं। इसके बाद एक चुनावी जनसभा में केजरीवाल ने सफाई तक दी।

 

दलित कार्ड खेल रहे थे केजरीवाल

 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब में जीत हासिल करने के साथ ही अपनी तस्वीर के साथ डॉ. अंबेडकर व शहीद भगत सिंह की तस्वीर लगाकर दलित समाज के भारी भरकम वोटर्स को साध रहे थे। अब केजरीवाल सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का इस्तीफा लिए जाने के बाद दलित वोट बैंक पर असर पड़ने की प्रबल संभावना है।

 

हिंदुओं को भी नाराज नहीं करना चाहते केजरीवाल!

 

राजेंद्र गौतम के पूरे प्रकरण से आम आदमी पार्टी की छवि को करारा झटका लगने की उम्मीद थी। अब जब गुजरात के विधानसभा चुनाव इतने नजदीक हैं, तो फिर पार्टी ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहती, जिससे उसे हिंदू वोटर्स की नाराजगी झेलनी पड़े। समय-समय पर केजरीवाल खुद को हनुमान भक्त भी बताते रहे हैं।

 

वे कई बार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना कर चुके हैं। वहीं, वडोदरा में तिरंगा यात्रा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने एक बार फिर से बीते दिन खुद को सच्चा हनुमान भक्त बताया और कहा कि भगवान ने मुझे कंस के इन वंशजों को खत्म करने के लिए भेजा है।

 

इसलिए खेला हिंदुत्व कार्ड

 

जब से गौतम का वीडियो सामने आया, तब से ही बीजेपी हमलावर है। सूत्र बताते हैं कि हिंदू वोटर्स को नाराज न करने के लिए केजरीवाल ने गुजरात में हिंदुत्व कार्ड भी खेला। उन्होंने दिल्ली की ही तरह गुजरात में भी सरकार आने पर लोगों को अयोध्या ले जाकर राम मंदिर का दर्शन करवाने का भी वादा किया।

 

बीते दिन उन्होंने एक जनसभा में लोगों से सवाल पूछा कि अयोध्या में राम मंदिर अगले साल तक तैयार हो जाएगा। ऐसे में वहां कौन-कौन जाना चाहता है? केजरीवाल ने कहा कि यदि उनकी पार्टी गुजरात की सत्ता में आती है तो फिर रामभक्तों को मुफ्त में अयोध्या ले जाया जाएगा और भगवान श्रीराम के मंदिर में दर्शन करवाए जाएंगे।

 

मालूम हो कि दिल्ली में भी ऐसी ही योजना चलती है, जिसमें ट्रेन के जरिए रामभक्तों को अयोध्या के दर्शन करवाए जाते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि गुजरात चुनाव के ठीक पहले राजेंद्र गौतम के बयान से पार्टी को कोई नुकसान नहीं हो जाए, यह भी एक वजह है कि केजरीवाल को हिंदू वोटर्स के लिए वादे करने पड़े।

 

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