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…तो कड़े फैसले से परहेज नहीं, सचिन पायलट-अशोक गहलोत को कांग्रेस का कड़ा संदेश; गद्दार शब्द पर यह बोले जयराम रमेश | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

इंदौर | [मध्य प्रदेश बुलेटिन] | राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की रार कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के लिए चिंता का विषय बनने लगी है। भारत जोड़ो यात्रा पर भी इसका असर साफ दिखाई देने लगा है। रविवार को इंदौर में वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश की बातों से भी इसकी चिंता साफ झलकती नजर आई।

 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही शब्दों की जंग के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी के लिए राजस्थान में संगठन सर्वोपरि है। इसकी मजबूती के लिए जरूरत पड़ने पर ‘कठोर निर्णय’ लेने से भी पीछे नहीं हटेगी।

 

हमारे लिए संगठन सर्वोपरि

 

राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत जोड़ो यात्रा के इंदौर में पड़ाव के दौरान रमेश ने पत्रकारों से कहा कि हमारे लिए संगठन सर्वोपरि है। राजस्थान के मसले का हम वही हल चुनेंगे, जिससे हमारा संगठन मजबूत होगा। इसके लिए अगर हमें कठोर निर्णय लेने पड़े तो कठोर निर्णय लिए जाएंगे।

 

अगर (गहलोत और पायलट के गुटों के बीच) समझौता कराया जाना है तो समझौता कराया जाएगा। गहलोत-पायलट की रार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व राजस्थान के मसले के उचित हल पर विचार कर रहा है।

 

गहलोत को कुछ शब्दों से बचना चाहिए था

 

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रमेश ने कहा कि लेकिन मैं इस हल की कोई समय-सीमा तय नहीं कर सकता। इस हल की समय-सीमा केवल कांग्रेस नेतृत्व तय करेगा।  उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस को गहलोत और पायलट, दोनों की जरूरत है।

 

गौरतलब है कि गहलोत ने एक टीवी चैनल को हाल ही में दिए साक्षात्कार में पायलट को ‘गद्दार’ करार देते हुए कहा था कि उन्होंने वर्ष 2020 में कांग्रेस के खिलाफ बगावत की थी और गहलोत नीत सरकार को गिराने की कोशिश की थी, इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता।

 

रमेश ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री को इस साक्षात्कार में कुछ शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था।

 

भारत जोड़ो यात्रा पर कही यह बात

 

रमेश ने भरोसा जताया कि राहुल की अगुवाई वाली भारत जोड़ो यात्रा अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में भी सफल होगी। अभी मध्य प्रदेश से गुजर रही यह यात्रा चार दिसंबर को राजस्थान में दाखिल होगी, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

 

गौरतलब है कि गुजरात में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने अपने घोषणापत्र में मतदाताओं से वादा किया है कि सत्ता में बरकरार रहने पर वह राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करेगी। रमेश ने कहा कि समान नागरिक संहिता पर संसद के अंदर और बाहर बहस होती रहनी चाहिए।

 

लेकिन भाजपा चुनावों के समय जान-बूझकर विभाजनकारी मुद्दे उठाती है, ताकि वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सके।

 

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