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कभी काफिले पर पत्थरबाजी तो कभी फेंकी गई चप्पल, पहले भी हो चुके हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमले l ऑनलाइन बुलेटिन

पटना | (बिहार बुलेटिन) | सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर रविवार को बख्तियारपुर में एक कार्यक्रम के दौरान सिरफिरे युवक ने हमला कर दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चोट नहीं लगी लेकिन मुख्यमंत्री की सुरक्षा में हुई सेंध को लेकर बड़े सवाल उठने लगे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हुए इस तरह के हमले का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में सेंध लग चुकी है।

 

12 जनवरी 2018 को नीतीश कुमार के काफिले पर बक्‍सर में हमला किया गया था। तब नीतीश कुमार अपनी विकास समीक्षा यात्रा के क्रम में बक्सर जिले के डुमरांव प्रखंड के नंदन गांव गए थे, जहां ग्रामीणों ने पत्थरबाजी की थी। घटना में नीतीश कुमार को चोट नहीं लगी थी, लेकिन एक दर्जन से ज्यादा सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे।

 

अक्टूबर 2018 में पटना में एक सभा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक युवक ने चप्पल फेंका था। इसके बाद युवक ने आरक्षण का विरोध करते हुए नारेबाजी भी की थी। घटना के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने मुख्यमंत्री को सुरक्षा घेरे में ले लिया और आरोपी युवक को पुलिस को सौंप दिया गया।

 

वहीं बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मधुबनी के हरलाखी में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। रैली में जब सीएम नीतीश नौकरियों की बात कर रहे थे उसी दौरान भीड़ से किसी ने उन पर प्याज और पत्थर फेंक दिया।

 

इसपर सीएम नीतीश कुमार मंच से ही नाराज हो गए और बोलने लगे- खूब फेंको, फेंकते रहो, इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। सुरक्षाकर्मी जब पत्थर फेंकने वाले को पकड़ने लगे तो सीएम नीतीश ने उन्हें मना कर दिया। कहा कि इन लोगों को छोड़ दीजिए, कुछ दिन बाद खुद ही समझ जाएंगे।


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