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शुरू करें मधुमक्खी पालन, साथ में शहद का भी करें व्यवसाय, सरकार दे रही है 90% की बंपर सब्सिडी, जाने कैसे उठायें लाभ | Honey Farming

Subsidy On Honey Farming : नई दिल्ली | [सरकारी योजना] | In the rural areas of the country, along with farming, people do business like animal husbandry, fish farming and bee keeping for additional income. Today we are talking about beekeeping. A large number of farmers are earning their livelihood by joining this business. Here the government has also been continuously encouraging the farmers for beekeeping. Now, in this series, the Bihar government has implemented a special horticulture crop scheme with the aim of making beekeeping farmers financially self-sufficient.

 

ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन : देश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खेती-बाड़ी के साथ-साथ पशुपालन, मछली पालन और मधुमक्खी पालन जैसे व्यवसाय अतिरिक्त आय के लिए करते है। आज हम बात मधुमक्खी पालन के बारे में कर रहे है. बड़ी संख्या में किसान इस व्यवसाय से जुड़ कर अपना जीवनयापन कर रहे हैं. इधर सरकार भी किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए लगातार प्रोत्साहित करती रही है. अब इसी कड़ी में बिहार सरकार ने मधुमक्खी पालन के इच्छुक किसानों को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से विशेष उद्यानिकी फसल योजना को लागू किया है. (Subsidy On Honey Farming)

Honey Farming

बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की ओर चलाई जा रही इस योजना के तहत सरकार किसानों को फल, फूल, मधुमक्खी पालन और विभिन्न बागवानी फसलों की खेती के लिए अनुदान देती है. राज्य सरकार ने इस योजना के तहत मधुमक्खी पालन के लिए किसानों को प्रेरित करने के लिए करीब 90 प्रतिशत तक सब्सिडी देने का प्रावधान भी किया गया है. राज्य में इस व्यवसाय को अपने पर किसानों को 75 से 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है. (Subsidy On Honey Farming)

 

जिसमें सामान्य किसानों को 75 प्रतिशत और एससी-एसटी किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है. यह अनुदान बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय के माध्यम यह अनुदान दिया जाता है. इसके अलावा किसानों को मधुपालन के लिए बक्सा (मधुमक्खी के साथ), भी दिया जाता है. प्रति हनी बॉक्स व हनी छत्ता की कीमत 4 हजार है. (Subsidy On Honey Farming)

 

बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की ओर से इसमें सामान्य किसानों को 3 हजार अनुदान मिलता है. जबकि एससी-एसटी के किसानों को 3600 प्रति बॉक्स अनुदान मिलता है. जबकि, 400 रुपए प्लास्टिक कैरेट तो 20 रुपए लेनो बैग की कीमत तय की गयी है. (Subsidy On Honey Farming)

 

किसान 4 गुना तक बढ़ा सकते है आपनी आय :

 

विशेषज्ञों के अनुसार किसान मधुमक्खी पालन कर खुद का शहद व्यापार स्थापित कर सकते हैं. इस व्यापार से किसान अपनी आय को दोगुना नहीं बल्कि 4 गुना वृद्धि कर सकते है. मधुमक्खी पालन के लिए 10 से 15 पेटी की आवश्यकता होगी। प्रति हनी बॉक्स व हनी छत्ता की कीमत 4 हजार है. यानि मधुमक्खी पालन की शुरुआत करने पर 35 से 40 हजार रुपये तक का खर्च आता है. (Subsidy On Honey Farming)

 

मधुमक्खियों को रखने के लिए किसानों को कार्बनिक मोम (डिब्बे) में रखा जाता है. इन डिब्बे में 50 से 60 हजार मधुमक्खियां एक साथ रखी जाती हैं. मधुमक्खियों की संख्या भी हर साल बढ़ती जाती है. इन मधुमक्खियों द्वारा तकरीबन एक क्विंटल शहद का उत्पादन होता है. बाजार में असली शहद की मौजूदा कीमत करीब 400 से 700 रुपये प्रति किलोग्राम तक है. इस प्रकार किसान 35 से 40 हजार की पूंजी निवेश कर सालाना 1 लाख 30 हजार की आमदनी कर सकते हैं. (Subsidy On Honey Farming)

 

Honey Farming – 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी :

 

बिहार सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक शहद के लिये कॉलोनी सहित मधुमक्खी बॉक्स, मधु निष्कासन यंत्र और प्रसंस्करण के लिये सामान्य वर्ग के किसानों को 75% तक अनुदान और एससी-एसटी वर्ग के किसानों को 90% तक सब्सिडी दी जायेगी. (Subsidy On Honey Farming)

 

सब्सिडी पाने के लिए यहां करें आवेदन:

 

मधुमक्खी पालन (Honey Farming) पर सब्सिडी पाने के इच्छुक किसान उद्यान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर सब्सिडी हासिल कर सकते हैं.

 

नाबार्ड भी मधुमक्खी पालन(Honey Farming) करने वाले किसानों को देती है सब्सिडी :

 

किसानों को मधुमक्खी पालन के दौरान हर संभव मदद करने के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) ने नाबार्ड (NABARD) के साथ टाई अप कर रखा है. दोनों मिलकर भारत में मधुमक्खी पालन बिजनेस के लिए फाइनेंसिंग स्कीम भी शुरू की हैं. इससे इस क्षेत्र में रूचि रखने वाले किसानों को बेहद लाभ होता है. इसके अलावा केंद्र सरकार भी मधुमक्खी पालन पर 80 से 85% तक सब्सिडी देती है. (Subsidy On Honey Farming)

 

झारखंड सरकार भी देती है 80 प्रतिशत :

 

हाल के सालों में झारखंड में भी मधुमक्खी पालन को लेकर कई सारे फैसले लिए गए हैं. इसी कड़ी मीठी क्रांति योजना भी लॉन्च की गई. इस योजना के तहत मधुमक्खी पालन की इकाई की स्थापना के लिए 80% तक अनुदान देती है. प्रत्येक किसान को कुल इकाई (1 लाख रुपये) लागत का 80 प्रतिशत यानी 80 हजार दिया जाता है. (Subsidy On Honey Farming)

 

 

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