कहानी, जूही की महक भाग -15 लेखक – श्याम कुंवर भारती | ऑनलाइन बुलेटिन

©श्याम कुंवर भारती
परिचय- बोकारो, झारखंड
सुधीर के घर पर पहुंचते ही जूही ने सबसे पहले डीडीसी को फोन किया और अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले के बारे में बताया।
सुनते ही उन्होंने बड़ी चिंता व्यक्त किया। मगर तुम्हारे आवास की सुरक्षा हेतु पुलिस के जवान नियुक्त किए गए थे क्या वे सब नहीं थे।
जूही ने बताया मुझे आपने ही बताया था सर सब रात नौ बजे पहुंचेंगे।
डीडीसी ने कहा अभी तुम कहां हो। जूही ने उन्हें सुधीर के घर का पता बता दिया और कहा कि मेरी जान सुधीर ने ही बचाई है।
तुम वहीं रुको मैं डीसी साहब और एसपी साहब से बात करता हूं। जूही ने कहा ठीक है सर।
सुधीर उसके पास ही बैठा हुआ था। उसने कहा मैडम आप सोच रहीं होंगी मुझे आपके ऊपर हमला होने की खबर कैसे मिली।
बिल्कुल बताओ जूही ने पूछा।
विधायक की बेटी जया ने मुझे फोन पर बताया था।
सुधीर की बात सुनते ही जूही को बड़ा आश्चर्य हुआ। लगता है लड़की में बदलाव आ गया है उसने मेरी दोस्ती का फर्ज निभाया है। जूही ने गंभीर होते हुए कहा।तभी सुधीर की मां उन दोनों के लिए चाय लेकर आई दोनों को चाय देते हुए जूही के सिर पर हाथ फेरते हुए बोली- बेटी भगवान का लाख लाख शुक्र है कि तुम आज बाल बाल बच गई। वरना हमलोग तुम्हारी जैसी ईमानदार वीडियो को खो दिए रहते और मैं अपनी बेटी को।
जूही सुधीर की मां से लिपट कर बोली आंटी आपका बेटा है न सुधीर मुझे कभी कुछ नहीं होने देगा, आप चिंता न करो।
फिर उसने सुधीर से कहा मेरा आइस क्रीम कहा है बाबू।
अभी जान जाते जाते बची है और आपको आइस क्रीम खाने को मन कर रहा है।सुधीर ने हल्की नाराजगी जाहिर करते हुए कहा।
पर जान गई तो नहीं न लाओ कहां है मेरी आइस क्रीम, जूही ने मुस्कुराते हुए अपना हाथ सुधीर की तरफ फैलाते हुए कहा।
सुधीर की मां भी हंसते हुए वहां से चली गई।
लाता हूं मैडम आप भी बड़े अजीब लड़की है। इतना कहकर सुधीर ने अपनी बाइक की डिक्की से तीन आइस क्रीम ले आया। एक जूही को दे दिया और दो अपने भाई बहनों को।
डीडीसी ने तुरंत डीसी साहब को फोन कर जूही के साथ घटी घटना की जानकारी दिया।डीसी ने बहुत ही नाराजगी जताते हुए कहा ये बहुत गलत हुआ, गनीमत है जूही सही सलामत है। मैं अभी एसपी सिंह से बात करता हूं।
डीसी ने एसपी को फोन कर घटना की जानकारी देते हुए कहा, सिंह साहब आप आपने डीएसपी से पूछिए जब उसको जूही की सुरक्षा की जिम्मेवारी दी गई थी फिर उससे इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई।
सर आप चिंता न करें मैं देखता हूं और आपको रिपोर्ट करता हूं।
एसपी ने डीएसपी कुमार को फोन कर पूरी डांट लगाते हुए कहा तुम और तुम्हारी टीम कहां सो रही है अभी वीडियो पर उसके आवास पर जानलेवा हमला हुआ है वो बाल बाल बचीं हैं।
तुमको अंदाजा भी है इसके बाद पुलिस विभाग की कितनी किरकिरी होगी और तुम पर कार्यवाई होगी वो अलग से।
तुरंत वीडियो आवास को पुलिस सुरक्षा घेरे में लो। अपराधियों की तलाशी अभियान शुरू करो। एक भी नहीं बचना चाहिए।जूही जहां भी है उनको पूरी पुलिस सुरक्षा दो।मुझे तुरंत रिपोर्ट करो।
डीएसपी कुमार ने तुरंत जूही के आवास के नजदीकी थाना के इंचार्ज को फोन कर कहा तीन चार गाड़ियों में पुलिस के जवान भेजकर वीडियो आवास को सुरक्षा घेरे में लें और बाकी जवानों को अपराधियों की तलाश में लगा दें मैं भी अभी कुछ जवानों को लेकर वहां पहुंच रहा हूं।
डीएसपी कुमार ने जूही को फोन कर उसका हाल चाल लिया और चूक के लिए माफी मांगा। उसने कहा आप जहां हैं उसका पता बताएं मैं अभी आपके पास पूरे दल बल के साथ पहुंच रहा हूं।
थोड़ी ही देर में जूही के आवास को पुलिस के जवानों से चारों तरफ घेराबंदी कर दी गई। चारों तरफ पुलिस की गाड़ियां पूरे क्षेत्र में हमला करने वाले अपराधियों की तलाश में लग गई।
थोड़ी ही देर में डीएसपी कुमार चार गाड़ियों में पुलिस के जवानों के साथ सुधीर के घर पर पहुंच गया।
कुमार ने कहा, जूही मैडम मुझे अफसोस है हमलोग थोड़ा चूक गए क्योंकि अंदाजा नहीं था आप पर इस तरह जानलेवा हमला हो सकता है।मगर अब आपका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है।आप अब अपने आवास पर चल सकतीं हैं।
जूही ने कहा कोई बात नहीं मैं बिल्कुल ठीक हूं चलिए मैं चलने को तैयार हूं।लेकिन सुधीर की मां ने कहा पहले खाना खा लो बेटी और तुम अब अकेली नहीं जाओगी तुम्हारे साथ मैं भी चलूंगी।
जूही ने मना किया मगर वो नहीं मानी जब तक जूही ने खाना नहीं खाया और उसके साथ उसके आवास पर पुलिस की जीप में बैठ कर चली गई।
शेष अगले भाग *16 में