नाकामियों का बोझ…

🔊 Listen to this ©भरत मल्होत्रा  परिचय- मुंबई, महाराष्ट्र   नाकामियों का बोझ जिगर पर लिए हुए लौटा तेरे दर से दीदा-ए-तर लिए हुए =========================   कत्ल कर चुके हैं कितनों को ही लफ़्ज़ों से फिरते हैं वो ज़ुबान में नश्तर लिए हुए =========================   शीशे के बदन वालो घरों से न निकलना खड़े हैं … Continue reading नाकामियों का बोझ…