महकेगा आंगन ….

🔊 Listen to this ©रामकेश एम यादव परिचय- मुंबई, महाराष्ट्र.     निगाहों में मेरे वो छाने लगे हैं, मुझे रातभर वो जगाने लगे हैं। दबे पांव आते हैं घर में मेरे वो , मुझे धूप से अब बचाने लगे हैं।   जायका बढ़ा अदाओं का मेरे, होंठों पे उँगली फिराने लगे हैं। तन्हाई में … Continue reading महकेगा आंगन ….