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भारत के शीर्ष न्यायालय की तरफ से दिए गए एक नोटिस को शख्स ने ‘बेकार’ करार दे दिया, गैर जमानती वारंट जारी

नई दिल्ली 
भारत के शीर्ष न्यायालय की तरफ से दिए गए एक नोटिस को शख्स ने 'बेकार' करार दे दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐक्शन लिया और शख्स के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। दरअसल, यह मामला कोर्ट की अवमानना से जुड़ा है, जहां याचिकाकर्ता उपेंद्र नाथ दलई 1 लाख रुपये जुर्माना देने में असफल रहा था।

क्या था मामला
दलई ने सत्संग के संस्थापक श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र को परमात्मा घोषित  करने के लिए जनहित याचिका दाखिल की थी। इसके चलते ही कोर्ट ने जुर्माना लगाया था। खास बात है कि साल 2022 में ही सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि भारत सेक्युलर देश है और जनहित याचिका के जरिए ऐसी प्रार्थना नहीं की जा सकती। 
इससे पहले सितंबर 2023 में भी कोर्ट ने दलई के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन तब भी कोर्ट में पेश नहीं हुआ था।

क्या बोला कोर्ट
मामले की सुनवाई जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच कर रही थी। बेंच ने वादी की तरफ से इस्तेमाल की गई भाषा पर भी आपत्ति जताई। साथ ही बालासोर जिले के एसपी से कह दिया है कि वादी को 13 फरवरी से पहले कोर्ट में पेश किया जाए। खास बात है कि बेंच ने अवमानना के नोटिस के बाद वादी से मिले जवाब को भी पढ़ा था।

इसमें कहा गया था, 'सर मैं कोर्ट में पेश होने से इनकार करता हूं, क्योंकि आपकी तरफ से मुझे मिला नोटिस बेकार है। मेरे प्रति आपका यह काम अपमानजनक है।' बेंच ने कहा, 'जवाब में भी अवमानना की गई है…। हम इसे दोबारा नहीं पढ़ना चाहते।'
 


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