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फिर होगा NEET का स्टेट लेवल का Mop Upराउंड;कम अंक वाले स्टूडेंट को एडिमिशन देने पर छात्रा ने लगाई थी याचिका, हाईकोर्ट ने दिया आदेश | ऑनलाइन बुलेटिन

बिलासपुर | (कोर्ट बुलेटिन) | अपने महत्वपूर्ण आदेश में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने NEET के स्टेट लेवल पर मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित Mop Up राउंड को निरस्त करते हुए मेरिट आधार पर छात्रा को प्रवेश देने का आदेश दे दिया है। इसके साथ ही एक अन्य छात्र को भी इसी राउंड में शामिल कर रिक्त सीट पर दाखिला देने का आदेश दिया है। जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच ने 5 तारीख से नए सिरे से एडमिशन के लिए Mop Up राउंड कराने का आदेश भी दिया है।

 

हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रविवार को अवकाश के दिन भी इस मामले की सुनवाई की। प्रारंभिक सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने काउंसिलिंग और सीट आबंटन पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही मामले की अंतिम सुनवाई सोमवार को रखी गई थी।

 

बिलासपुर की छात्रा राधिका मंगतानी NEET 2021 की परीक्षा में शामिल हुई थीं, जिसमें उन्हें 915वीं रैंक मिली है। इसके बाद वह स्टेट लेवल पर आयोजित काउंसलिंग में शामिल हुई। छात्रा का एडमिशन नहीं हो सका। सीट खाली रहने के बाद भी वह किसी कारण से दूसरे राउंड की काउंसिलिंग में शामिल नहीं हो पाई। इसके बाद थर्ड राउंड की काउंसिलिंग हुई, जिसे Mop Up राउंड भी कहा जाता है।

 

इस काउंसिलिंग में उसे शामिल नहीं होने दिया गया। इससे परेशान छात्रा ने अपने अधिवक्ता हर्षमंदर रस्तोगी के माध्यम से शनिवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में इसलिए शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह किया गया, क्योंकि रविवार को थर्ड राउंड की काउंसिलिंग होनी थी।

 

छात्रा ने बताया, कम नंबर पाने वाले को दिया एडमिशन

 

छात्रा की तरफ से याचिका में बताया गया कि दूसरे राउंड के काउंसिलिंग में शामिल नहीं हो पाने के कारण छात्रा से कम अंक पाने वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन दे दिया गया है। जबिक, छात्रा के अधिक अंक पाने के बाद भी उसे प्रवेश नहीं मिल सका है। सोमवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में सौरभ चौधरी के आदेश का हवाला दिया गया। जिसके अनुसार मेरिट आधार पर प्रवेश दिया जाना है। भले ही स्टूडेंट तकनीकी गलती के कारण काउंसिलिंग छोड़ देता है, तब भी मेरिट के आधार पर उसे मौका दिया जाना चाहिए। मामले में शासन की तरफ से जितेंद्र पाली और केंद्र सरकार की तरफ से अधिवक्ता केशव गुप्ता ने पैरवी की।

 

हाईकोर्ट ने कहा-नए सिरे आयोजित किया जाए तीसरा राउंड

 

हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद माना कि मेरिट आधार पर ही एडमिशन दिया जाना चाहिए। अगर कोई तकनीकी कारणों से काउंसलिंग में शामिल नहीं होता है, तब भी मेरिट को ही महत्व देना चाहिए। लिहाजा, हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर 4 अप्रैल को होने वाले Mop Upराउंड को नए सिरे से आयोजित करने और इसमें याचिकाकर्ता छात्रा को शामिल करने का आदेश दिया है।

 

मेरिट में छात्र को दिया जाए दाखिला

 

इधर, छात्र मयंक कुमार पांडे ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें बताया गया कि पहले दौर के काउंसिलिंग में शामिल हुआ था लेकिन, उसका दाखिला नहीं हो पाया। इस बीच सेकेंड राउंड की काउंसिलिंग के लिए अलाटमेंट लिस्ट में उसका नाम नहीं था लेकिन, रात में नई लिस्ट जारी की गई। जिसमें उसका नाम था लेकिन, याचिकाकर्ता को इसकी सूचना नहीं मिल पाई। इसके कारण वह दूसरे राउंड की काउंसिलिंग में शामिल नहीं हो पाया। थर्ड राउंड की काउंसिलिंग में उसे इसकी जानकारी हुई। हाईकोर्ट ने उसकी याचिका को भी स्वीकार करते हुए उसे मेरिट के आधार पर Mop Upराउंड में शामिल करने और रिक्त सीट पर दाखिला देनेएलके का आदेश दिया है।


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