ये जिंदगी के रास्ते…

🔊 Listen to this ©गायकवाड विलास  परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र   कहां कहां घूम रहा है तू बनके मुसाफ़िर, ये जिंदगी के रास्ते,यहां कब खत्म होते है।   चाहे तो जन्नत है ये जिंदगी,ना चाहे तो मुसीबत, उस सजाओ या बिगाडो ये सबके कर्मों का खेल है।   सिर्फ तस्वीर बनाकर,उसमें कहां आती है … Continue reading ये जिंदगी के रास्ते…