.

हथिनी ने शावक को जन्म दिया तो छठी मनाने जंगल में उमड़ पड़े 6 गांवों के लोग l ऑनलाइन बुलेटिन

रायगढ़/लैलूंगा l (छत्तीसगढ़ बुलेटिन) l एक तो हाथियों ने जीना मुहाल कर दिया है। इसके बावजूद आदिवासियों की परंपरा और प्रकृति पूजा का कोई जवाब नहीं। हथिनी ने शावक को जन्म दिया तो जंगल में छठी मनाने 6 गांवों के लोग उमड़ पड़े। जंगल में आयोजित छठी कार्यक्रम के दौरान उपस्थित ग्राम बैगा तथा रावत समाज के हाथी गोत्र एवं नाई, धोबी के साथ रीति रिवाज के अनुरूप पूजा-पाठ कर छठी कार्यक्रम संपन्न कराया गया।

 

विकासखंड क्षेत्र लैलूंगा के करवारजोर, चिरईखार, ढोर्रोबीजा टांगरजोर, बेस्कीमुड़ा, मुकडेगा क्षेत्र में लगभग 1 महीने से हाथियों के आतंक से अंचल के ग्रामवासी काफी परेशान हैं। वही 30- 40 की संख्या में उपस्थित गजराज लगातार किसानों के फसल एवं मकान को क्षतिग्रस्त कर नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिसके कारण क्षेत्र के किसान एवं ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त है।

 

क्षेत्र के ग्रामीणों में इतना दहशत व्याप्त है कि कड़कड़ाती ठंड के बावजूद भी हाथियों के बचाव के लिए रतजगा करने पर मजबूर हैं। अंततः क्षेत्र के लोगों ने परेशान होकर हाथी को भगाने के लिए एक अनूठी परंपरा का पालन करते हुए हाथी के छठी कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया। जिसमें 4-5 गांव के लगभग 300 ग्रामीण छठी कार्यक्रम में उपस्थित हुए।

 

आदिवासियों ने प्रकृति पूजा व पुरानी मान्यता के अनुसार पूजा अर्चना की और धूमधाम से छठी मनाया।

 

ग्रामीणों के अनुसार मान्यता है कि हाथी का छठी कार्यक्रम आयोजन करने के बाद संतुष्ट होकर हाथी एक क्षेत्र को छोड़कर दूसरे क्षेत्र चले जाते हैं। हाथी भगाने की दिलचस्प एवं अनूठी परंपरा कहें या रूढ़िवादी परंपरा, हाथियों से परेशान क्षेत्रवासियों ने पुरानी मान्यता के अनुसार पूजा अर्चना की। कार्यक्रम के दौरान भारी संख्या में क्षेत्र के ग्रामीण उपस्थित रहे।

 

 


Back to top button