जहां तकदीर ही रूठी हो…

🔊 Listen to this ©गायकवाड विलास परिचय- मिलिंद महाविद्यालय, लातूर, महाराष्ट्र     इस निगाहों में देख लेना तुम, प्यार का गहरा समंदर, तेरी यादों के गमों में, कैसे बोल पायेंगे ये मेरे अधर।   बढ़ गए कितने फासले, बदल गई तेरी मेरी ये राहें, टूट गए कस्मे वादे, अब देख रही है तुम्हें ये … Continue reading जहां तकदीर ही रूठी हो…