जहां दर्द आभुषण बने है…

🔊 Listen to this ©प्रा.गायकवाड विलास  परिचय- मिलिंद महाविद्यालय, लातूर, महाराष्ट्र   दर्द आभुषण बने है जीवन में, ख़्वाब जलते रहते है सदा नयनों में। ये राहें जिंदगी की कभी होती नहीं आसां, तो कैसे कोई खुश रहे अपने संसार में।   हाथों में काम नहीं,रोटी की चिंता सताएं मनको, मंहगाई,बेरोजगारी पर हल कैसे हम … Continue reading जहां दर्द आभुषण बने है…