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बनने चली विश्व भाषा जो….!

संकल्नकर्ता:- अर्जुन खुदशाह

परिचय:-बिलासपुर छत्तीसगढ़

 

बनने चली विश्व भाषा जो,

अपने घर में दासी,

सिंहासन पर अंग्रेजी है,

लखकर दुनिया हांसी,

 

लखकर दुनिया हांसी,

हिन्दी दां बनते चपरासी,

अफसर सारे अंग्रेजी मय,

अवधी या मद्रासी,

गूंजी हिन्दी विश्व में

गूंजी हिन्दी विश्व में,

स्वप्न हुआ साकार;

राष्ट्र संघ के मंच से,

हिन्दी का जयकार;

 

हिन्दी का जयकार,

हिन्दी हिन्दी में बोला;

देख स्वभाषा-प्रेम,

विश्व अचरज से डोला;

कह कैदी कविराय,

मेम की माया टूटी;

भारत माता धन्य,

स्नेह की सरिता फूटी!

Hindi Diwas 2023

 

हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

 


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