.

ग्रामसभा की अनुमति के बिना आदिवासी क्षेत्रों में साहूकार नहीं दे सकेंगे ऋण, भू-अधिग्रहण से पहले भी लेनी होगी सहमति | ऑनलाइन बुलेटिन

भोपाल | [मध्य प्रदेश बुलेटिन] | ग्रामसभा की अनुमति के बिना राज्य के 89 आदिवासी विकासखंडों के 11 हजार से अधिक गांवों में अब कोई भी साहूकार ऋण नहीं दे सकेगा। ऐसे क्षेत्रों में ग्रामसभा की अनुमति न होने पर राजस्व विभाग द्वारा जारी साहूकारी लाइसेंस भी अप्रभावी माना जाएगा। इसका प्रवधान सरकार ने साहूकारी अधिनियम में किया है। अब पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम के तहत सरकार ने नियम में साहूकारी व्यवसाय को लेकर कई नए प्रविधान किए हैं।

 

इसमें जिसे भी अनुसूचित क्षेत्रों में साहूकारी लाइसेंस दिया जाएगा, उसकी प्रति ग्रामसभा को देनी होगी। पंचायत सचिव ग्रामसभा को इसकी जानकारी देंगे। प्रत्येक 3 माह में साहूकार को उसके द्वारा दिए गए ऋण और भुगतान की जानकारी ग्रामसभा और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को ग्रामवार देनी होगी।

 

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम के नियम राजपत्र में प्रकाशित कर दावे-आपत्ति आमंत्रित किए हैं। इसमें साहूकारी अधिनियम के नए प्रविधान शामिल किए गए हैं।

 

साहूकार की यह जिम्मेदारी होगी कि वह ऋण देने और चुकाए जाने की पूरी जानकारी ग्रामसभा को दे।

 

साहूकार को लेकर कोई शिकायत ग्रामसभा को मिलती है तो वह उस पर विचार करके राजस्व अधिकारी को जांच और कार्रवाई के लिए अनुशंसा करेगी। शिकायत का निराकरण अधिकतम 145 दिन में करके ग्रामसभा को सूचना देनी होगी। प्रतिबंध के बाद भी यदि कोई साहूकारी करता है तो जुर्माना लगाया जाएगा।

 

उल्लेखनीय है कि शिवराज सरकार 15 अगस्त, 2020 तक अनुसूचित क्षेत्रों में जनजाति वर्ग के व्यक्तियों द्वारा गैर लाइसेंसी साहूकारों से लिए ऋण को शून्य घोषित कर चुकी है।

 

भूमि पर कोई नहीं कर सकेगा कब्जा

 

अनुसूचित क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण से पहले ग्रामसभा की सहमति लेनी होगी। जनसुनवाई करने के बाद ही इस संबंध में कोई कार्रवाई की जाएगी। प्रभावितों के पुनर्वास की कार्ययोजना बनाकर उसे क्रियान्वित करना होगा। यदि गैर कानूनी तरीके से एसटी वर्ग के भूमिस्वामी की जमीन पर कोई गैर एसटी व्यक्ति कब्जा कर लेता है तो ग्रामसभा भूमि वापस दिलाएगी।

 

यदि कब्जा दिलाने में विफल रहती है तो राजस्व अधिकारी को प्रकरण भेजेगी। इसमें 3 माह के भीतर भूमि वापस दिलाने की कार्रवाई की जाएगी।

 

 

आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी अंतिम सांस तक रहेंगे जेल में, समय पूर्व रिहाई व छूट के नए निर्देश जारी | ऑनलाइन बुलेटिन

 

 


Back to top button