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अंडरवर्ल्ड से भी जुड़े हैं बिशप डॉ. पीसी सिंह के रिश्ते, छत्तीसगढ़ से ऐसा है कनेक्शन, पढ़कर चौंक जाएंगे आप | ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली | [नेशनल बुलेटिन] | EOW के छापे के बाद से चर्चा में आए देश की सबसे बड़ी ईसाई मिशनरी संस्था और उत्तर भारत के विभिन्न चर्च संगठनों का समूह ‘चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया’ सीएनआई में मॉडरेटर बिशप पीसी सिंह के राज परत दर परत खुलने लगे हैं। बिशप पर देश भर में 5 राज्यों के 10 शहरों में धोखाधड़ी के 35 केस दर्ज हैं। इसके साथ ही बिशप पर अब अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के राइट हैंड रियाज भाटी के साथ संबंधों के आरोप लगे हैं। पीसी सिंह पर छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर सीनेट के नितिन लॉरेंस ने आरोप लगाया कि पीसी सिंह ने मिशनरी की मुंबई जिमखाना की जमीन का सौदा 3 करोड़ रुपए में रियाज भाटी से कर लिया था।

 

इसका खुलासा तब हुआ था, जब पुलिस ने रिजाय भाटी को गिरफ्तार किया था। उसके पास मुंबई जिमखाना जमीन का एग्रीमेंट मिला था। एग्रीमेंट सामने आने के बाद खुद को पाक-साफ दिखाने के लिए पीसी सिंह ने फादर को हटा दिया। यह दावा पीएमओ, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) समेत अन्य जांच एजेंसियों से बिशप की शिकायत करने वाले नितिन लॉरेंस ने किया है। नितिन लॉरेंस छत्तीसगढ़ में एक्टिविस्ट हैं।

लॉरेंस ने दावा किया कि मिशनरी की अचल संपत्ति को खुद के फायदे के लिए बेचने का यह अकेला मामला नहीं है। यूपी, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में बिशप डॉ. पीसी सिंह और उनके साथी तमाम जमीनें बेच चुके हैं। यह वह जमीनें हैं, जो सरकार से लीज पर ली गई हैं। बिशप पीसी सिंह को 35 मामलों में नामजद आरोपी बनाया गया है।

 

राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने तीन दिन पूर्व गुरुवार को पीसी सिंह के जबलपुर स्थित आवास पर छाप मारा था। उसके घर से 9 लग्जरी गाड़ियां, 32 महंगी घड़ियां, बेशकीमती कपड़े और सोने के जेवरात समेत डेढ़ करोड़ से ज्यादा कैश व करीब 14.5 लाख रुपए की विदेशी मुद्रा मिली थी।

2017 में किया था जिमखाने का सौदा

‘द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस” के चेयरमैन और ईसाई धर्मगुरु बिशप पीसी सिंह ने धर्मांतरण के बाद ईसाई धर्म अपनाया था। वह मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला है।

मुंबई में जॉन विल्सन कॉलेज एंड सोसायटी के नजदीक की जमीन पर चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सीएनआई) ने जिमखाना बनाया हुआ है। बिशप सीएनआई के सीनेट में मेंबर थे। 2017 में उन्हें सीनेट का मॉडरेटर चुन लिया गया। इसी दौरान मॉडरेटर की हैसियत से उन्होंने रियाज भाटी से जिमखाने का सौदा कर लिया।

 

बिना सीनेट की मंजूरी के किया सौदा

 

आरोपों के मुताबिक जिमखाना को लीज पर देने के बदले बिशप ने रियाज से करीब 3 करोड़ रुपए एडवांस लिए थे। यहां तक कि इसके लिए सीनेट की मंजूरी भी नहीं ली थी। इस बीच, मुंबई पुलिस ने एक मामले में रियाज भाटी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ और तलाशी में पुलिस को सौदे का एग्रीमेंट मिला था, जिसे बिशप डॉ. सिंह ने फर्जी बताया।

 

सीनेट की मंजूरी के बिना जिमखाने को लीज पर दिए जाने का और जमीन सरकारी होने का खुलासा हुआ। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने संबंधित एग्रीमेंट को निरस्त घोषित कर दिया।

 

निजी प्लेन में घूमता है बिशप

 

शिकायतकर्ता नितिन लॉरेंस के मुताबिक लग्जरी लाइफ का शौकीन बिशप प्रॉपर्टी कारोबारी पॉल दिनाकरन का भी दोस्त है। दिनाकरन को भी जमीन खरीदने का शौक है। इस शौक को पूरा करने का काम बिशप पीसी सिंह ने किया। इसके बाद न सिर्फ मोटी रकम कमाई, बल्कि पॉल दिनाकरन के चार्टर्ड प्लेन का भी उपयोग किया। नितिन के मुताबिक दिनाकरन का विमान, नागपुर हवाई अड्‌डे पर स्थाई रूप से खुद के उपयोग के लिए पार्क कराया हुआ है। बिशप इसी विमान से परिवार समेत घूमता है।

 

बिशप पीसी सिंह को अब उत्तर प्रदेश पुलिस ने नोटिस जारी करते हुए जल्द हाजिर होकर जवाब देने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर एकतरफा वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। यूपी पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में बिशप को गैंगस्टर पीटर बलदेव का सह आरोपी बनाया है।

 

5 राज्यों के 10 शहरों में धोखाधड़ी के 35 केस दर्ज

 

सीएनआई के रिकॉर्ड के मुताबिक बिशप डॉ. पीसी सिंह को अक्टूबर 2017 में सीनेट के 27 डायोसिस में अध्यक्ष चुना गया था। उनका कार्यकाल तीन साल का था। वर्ष 2020 में कार्यकाल खत्म होने पर कोविड का हवाला देकर उन्होंने स्वयं ही अपना कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा लिया। इसके बाद से अब तक चुनाव नहीं कराए। उल्टा बिशप ने मिशनरी की कई जमीनों को खुद के फायदे के लिए लीज पर देकर और बेचकर मुनाफा कमाया।

 

बिशप पीसी सिंह के खिलाफ उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में धोखाधड़ी के 35 मामले दर्ज हैं। ये मामले संबंधित राज्यों के 10 शहरों में अलग–अलग समय पर सोसायटी की जमीन बेचने, सोसायटी के बजट का दुरुपयोग करने और आर्थिक गड़बड़ी की शिकायतों की जांच के बाद दर्ज हुए हैं।

 

बिशप पर इन शहरों में दर्ज हैं केस

 

कर्नलगंज प्रयागराज, सिविल लाइन प्रयागराज, ब्यावर सदर अजमेर 4, विधायकपुरी जयपुर, सिविल लाइन अजमेर 4, बाराअतरु राजस्थान 2, सदर नागपुर, सास नगर खरार पंजाब, नवाबाद झांसी, प्रयागराज, जाफराबाद जौनपुर, कोतवाली कानपुर 2, प्रयागराज सिविल लाइन 1, शाहगंज प्रयागराज 1, मुठीगंज प्रयागराज, कर्नलगंज, सिविल लाइन प्रयागराज, कर्नलगंज प्रयागराज, जयपुर, जालना, यमुना नगर यूपी, हजरतगंज यूपी, पिथौरा महासमुद छत्तीसगढ़, रूपनगर सिटी मौरिंदा पंजाब, नवाबाद झांसी, सिविल लाइन रायपुर, गोल बाजार रायपुर, नागपुर, सदर विवर 4 अजमेर, मोहाली राजस्थान, यमुना नगर।

 

बिहार से आकर बिशप बनने तक का सफर

 

बिशप का जन्म 12 दिसंबर 1962 को बिहार के समस्तीपुर में हुआ था। 1986 में वह जबलपुर आ गया। यहां जबलपुर डायोजियन में बतौर वर्कर जॉइन कर लिया। यहां से छत्तीसगढ़ के भाटपारा भेज दिया गया। फिर जबलपुर की रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन, पीजी किया। यूएसए से क्रिश्चियन आध्यात्मिकता में डॉक्टरेट किया। 29 अक्टूबर 1987 में नोरा सिंह से शादी हुई।

 

पहली बार 1988 में जबलपुर के क्राइस्ट चर्च का पादरी बनाया गया। इसके बाद, बिलासपुर में भी पादरी रहा। 1995 से 1999 तक सीएनआई जबलपुर का प्रेसबिटर का चार्ज रहा। 13 अप्रैल 2004 में पीसी सिंह को जबलपुर डायोस का चौथा बिशप बनाया गया। पीसी सिंह के नेतृत्व में जबलपुर, कटनी और सिवनी में 6 स्कूल चल रहे हैं। पीसी सिंह को 3 अक्टूबर 2014 में सीएनआई का डिप्टी मॉडरेटर बनाया गया। 2017 में द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस का मॉडरेटर बनाया गया।

 

फीस घोटाले से बना अरबों का मालिक

 

ईओडब्ल्यू एसपी ने बताया कि ‘द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया डायोसिस’ के चेयरमैन बिशप पीसी सिंह और तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार बीएस सोलंकी के खिलाफ शिकायत मिली थी। इन दोनों पर 2.7 करोड़ रुपए के फीस घोटाले का आरोप है। दरअसल, संस्था को अलग-अलग शैक्षणिक संस्थाओं में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की फीस से करीब 2.7 करोड़ रुपए मिले थे।

 

चेयरमैन बिशप पीसी सिंह ने इन पैसों को धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर और खुद के निजी कामों में खर्च करके पद का दुरुपयोग किया। दोनों ने यह गड़बड़ी वित्तीय वर्ष 2004-05 से 2011-12 के बीच की।

 

स्कूल खोलने जमीन ली, तान दी आलीशान बिल्डिंग

 

बताया जाता है कि बिशप ने सरकार से स्कूल खोलने के नाम पर जमीन ली, लेकिन उस जगह आलीशान बिल्डिंग बनाकर किराए पर दे दिया। इससे लाखों रुपए किराया भी आ रहा है। इसके अलावा, नेपियर टाउन में शासकीय जमीन को लीज पर लिया। यहां इंडियन ओवरसीज बैंक, भारतीय खाद्य निगम और बारात घर को किराए पर दे रखा था।

 

ये है मामला

 

जबलपुर में गुरुवार को EOW ने बिशप पीसी सिंह के घर छापा मारा था। ट्रस्ट संस्थाओं की लीज रिन्युअल में धोखाधड़ी, 7 करोड़ से अधिक का टैक्स न चुकाने के मामले सामने आए। पीसी सिंह ने स्कूल से आए बच्चों की फीस के ढाई करोड़ से ज्यादा रुपए धार्मिक संस्था और खुद पर खर्च कर दिए। छापे में 17 संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज, 48 बैंक खाते, 1 करोड़ 65 लाख से अधिक नकद, 18 हजार 352 यूएस डॉलर, 118 पाउंड समेत 8 फोर व्हीलर गाड़ियां बरामद हुई।

 

 

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