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चौतरफा घिरे पूर्व पीएम इमरान को संजीवनी देगी फायरिंग की घटना? क्या बैकफुट पर आएंगे पीएम शहबाज | ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली | [नेशनल बुलेटिन] | लॉन्ग मार्च के दौरान पंजाब प्रांत में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गुरुवार को गोली मारी गई, जिसमें वह घायल हो गए। गोली चलाने वाले हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसके बाद उसने बताया कि इमरान खान जनता को गुमराह कर रहे हैं और उसी की सजा देने के लिए उसने हमला किया।

 

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इन दिनों लाहौर से इस्लामाबाद तक लॉन्ग मार्च निकाल रहे हैं, जिसमें मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को घेर रहे हैं। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में इमरान खान पर कई आरोप लगे जिसके बाद वह बैकफुट पर आ गए थे। फिर चाहे वह आर्मी चीफ का मसला हो या फिर भारत की तारीफ करके अपने देश में घिरने का मामला हो। इन सबकी वजह से इमरान पर उन्हीं के देश में लगातार सवाल उठ रहे थे। ऐसे में इस फायरिंग की घटना के बाद इमरान के लिए लोगों का समर्थन बढ़ सकता है।

 

बाजवा के कार्यकाल पर भी घिरे थे

 

इमरान खान को जिस तरह से सत्ता छोड़नी पड़ी थी, तब से ही वे मौजूदा सरकार के खिलाफ हमलावर थे। उन्होंने विदेशी ताकतों और खासतौर पर अमेरिका पर उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके साथ ही, वे आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल को लेकर भी घिर गए थे।

 

आईएसआई के प्रमुख नदीम अंजुम ने खुलासा किया था कि बाजवा को अनिश्चितकालीन विस्तार के लिए खान की ओर से एक आकर्षक प्रस्ताव दिया गया था। इस दावे को तो इमरान शुरू में खारिज करते रहे, लेकिन चौतरफा घिरने के बाद उन्होंने आखिर में स्वीकार कर लिया था कि इस साल मार्च में उन्होंने बाजवा के कार्यकाल में विस्तार की पेशकश की थी।

 

इसके चलते इमरान पर झूठ बोलने जैसे आरोप लगने लगे थे और उनके समर्थकों के बीच ही उन पर सवाल उठने लगे।

 

भारत की तारीफ पड़ गई थी भारी

 

सत्ता जाने के बाद से इमरान खान कई बार भारत की तारीफ कर चुके थे। हालांकि, उन्होंने हर बार सच ही बोला था, लेकिन वे अपने देश की जनता के बीच घिरते गए। हाल ही में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा था कि भारत अपनी इच्छा के मुताबिक रूस से तेल खरीद रहा है, लेकिन पाकिस्तानी गुलाम हैं जो अपने देश के लोगों की भलाई के लिए फैसले लेने में विफल रहे।

 

वहीं, लाहौर में इमरान खान की पीटीआई पार्टी ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की एक वीडियो क्लिप चलाई थी, जिसमें भारतीय मंत्री ने कहा था कि भारत वही करेगा जो उसके लोगों के लिए सबसे अच्छा होगा। लगातार भारत की कई बार तारीफ करने की वजह से इमरान और उनकी पार्टी मौजूदा सरकार और पीएम शहबाज शरीफ के निशाने पर थी। जनता के बीच भी इमरान की लोकप्रियता में कमी आने लगी थी, जिसके चलते उन्हें लॉन्ग मार्च निकालने की जरूरत आ गई थी।

 

फायरिंग में हुए घायल, लेकिन संजीवनी की तरह काम करेगी घटना?

 

पाकिस्तानी राजनीति के जानकारों का मानना है कि गोलीबारी की घटना में भले ही इमरान खान घायल हुए हों और अस्पताल तक में भर्ती होना पड़ा हो, लेकिन इससे आने वाले समय में उन्हें व उनकी पार्टी को लाभ ही मिलने जा रहा है। ऐसा देखा गया है कि जब भी इस तरह की घटनाएं होती हैं, तो जनता के बीच उस नेता के प्रति हमदर्दी पैदा होती है।

 

यह भी साफ है कि इमरान खान की पार्टी इस घटना के लिए सरकार को भी दोषी ठहराएगी। जनता के बीच हमदर्दी पैदा होने से इमरान के इस लॉन्ग मार्च में और भीड़ बढ़ने व पीटीआई को समर्थन मिलने की संभावनाएं हैं। इसके अलावा, घटना के बाद पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ भी कुछ समय के लिए इमरान खान के खिलाफ हमला बोलना बंद कर सकते हैं।

 

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