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नर बलि देकर मरे हुए पिता को पुनर्जीवित करना चाहती थी बेटी, CCTV की मदद से पकड़ी गई नवजात चुराने वाली महिला, ऐसे दिया घटना को अंजाम | ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली | [नेशनल बुलेटिन] | राजधानी दिल्ली में एक 25 वर्षीय महिला ने अपने मरे हुए पिता को पुनर्जीवित करने को ‘नर बलि’ देने के लिए दो महीने के बच्चे का अपहरण कर लिया। पुलिस की पूछताछ में आरोपी श्वेता ने खुलासा किया कि अक्टूबर 2022 में उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। अंतिम संस्कार के दौरान किसी से उसे पता चला किसी लड़के की ‘नर बलि’ उसके पिता पुनर्जीवित हो सकते हैं।

 

इस अंधविश्वास को अंजाम देने के लिए उसने इलाके में एक नवजात लड़के की तलाश शुरू कर दी। महिला के मंसूबे कामयाब हो पाते उससे पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

 

बच्चे को दिल्ली के गढ़ी इलाके से गुरुवार शाम को अगवा किया गया था। इस केस की जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज ने बच्चे के अपहरण मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

डीसीपी (साउथ ईस्ट) ईशा पांडे ने शनिवार को बताया कि दिल्ली पुलिस के थाना अमर कॉलोनी की टीम ने अपहरण के महज 24 घंटे के भीतर शुक्रवार को 2 महीने के लड़के को सुरक्षित छुड़ा लिया और अपहरणकर्ता श्वेता को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी श्वेता निवासी कोटला मुबारकपुर ने 9वीं तक पढ़ाई की है। वह अपनी मां के साथ रह रही थी। वह पहले डकैती और चोरी के 2 मामलों में शामिल थी।

 

गुरुवार शाम को अगवा हुआ था बच्चा

 

डीसीपी ने बताया कि गुरुवार शाम करीब 4 बजे थाना अमर कॉलोनी में सूचना मिली थी कि दिल्ली के गढ़ी क्षेत्र से करीब 2 माह के मासूम को अज्ञात महिला ने अगवा कर लिया है। इसके बाद थाना अमर कॉलोनी में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई।

 

मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी समेत जिले के तमाम वरिष्ठ अधिकारी इस पर लगातार नजर बनाए हुए थे। जांच के दौरान पीड़ित मां ने बताया कि अपहरणकर्ता महिला ने उनसे सफदरजंग अस्पताल में मिली थी और उसने खुद को जच्चा-बच्चा देखभाल के लिए काम करने वाले एनजीओ की सदस्य बताया था।

 

एनजीओ कर्मी बनकर बच्चे की मां से मिली थी महिला

 

उसने मां और बच्चे को मुफ्त दवा और परामर्श देने का वादा किया था। इसके बाद में उसने बच्चे के विकास की जांच करने के बहाने उनका पीछा किया। आरोपी महिला बच्चे की जांच के बहाने 9 नवंबर को 2022 को ममराज मोहल्ला, गढ़ी में उनके घर भी आई थी। 10 नवंबर 2022 को फिर से वह उनके घर आई। उसने अपनी बातों से बच्चे की मां को झांसे में ले लिया और उसे बाहर जाने के लिए शिशु को सौंपने के लिए कहा।

 

जब वह बच्चे को घर से बाहर ले जा रही थी तो मां ने अपनी 21 वर्षीय भतीजी को महिला के साथ जाने के लिए कहा। उसके बाद अपहरणकर्ता नीम चौक, गढ़ी आई और पीड़िता की भांजी ऋतु के साथ नवजात को अपनी स्विफ्ट कार में ले गई। रास्ते में अपहरणकर्ता ने ऋतु को कोल्ड ड्रिंक पिलाई, जिसे पीकर वह बेहोश हो गई। इसके बाद अपहरणकर्ता ने ऋतु को यूपी के गाजियाबाद में रास्ते में फेंक दिया, जहां होश में आने के बाद उसने अपने परिवार को सूचित किया कि बच्चे का अपहरण कर लिया गया है।

 

सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को मिला सुराग

 

इसके बाद पुलिस को कॉल की गई। जांच के दौरान आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद अपहरणकर्ता के वाहन के रजिस्ट्रशन नंबर का पता लगाया गया और उसका पता और डिटेल सामने आई। पुलिस द्वारा उस स्थान पर छापेमारी की गई थी, लेकिन आरोपी फरार थी। शाम करीब 4 बजे गुप्त सूचना मिली कि अपहरणकर्ता आर्य समाज मंदिर, कोटला मुबारकपुर, दिल्ली के पास आएगी।

 

गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर उक्त स्थान पर छापेमारी की। टीम ने लगातार प्रयास करते हुए आरोपी अपहरणकर्ता को पकड़ लिया और बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। अपहरणकर्ता की पहचान श्वेता पुत्री मदन मोहन निवासी कोटला मुबारकपुर, दिल्ली उम्र 25 वर्ष के रूप में हुई है। मामले की आगे की जांच जारी है।

 

अक्टूबर में हुई ती पिता की मौत

 

पुलिस की पूछताछ में आरोपी श्वेता ने खुलासा किया कि अक्टूबर 2022 में उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। अंतिम संस्कार के दौरान किसी से उसे पता चला किसी लड़के की ‘नर बलि’ से उसके पिता पुनर्जीवित हो सकते हैं। इस अंधविश्वास को अंजाम देने के लिए उसने इलाके में एक नवजात लड़के की तलाश शुरू कर दी। वह सफदरजंग अस्पताल के प्रसूति वार्ड में गई और नवजात बच्चे की मां को अपना परिचय एक एनजीओ कर्मी के रूप में दिया। पीड़िता का विश्वास जीतने के लिए वह अक्सर शिशु और उसके परिवार से मिलने जाती थी। इसके बाद 10 नवंबर 2022 को वह सफलतापूर्वक उस शिशु लड़के का अपहरण करने में सफल रही।

 

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