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बंदर की बाजे-गाजे के साथ निकली शवयात्रा, रीति से किया गया अंतिम संस्कार | ऑनलाइन बुलेटिन

उदयपुर | [राजस्थान बुलेटिन] | प्रदेश के अलवर में पशु प्रेम का एक बेहतरीन उदाहरण देखने को मिला है। दरअसल, शनिवार को अलवर में एक बंदर की करंट लगने से मौत हो गई थी। करंट लगने के बाद डॉक्टर के पास उपचार भी कराया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। मुहल्ले वालों ने बंदर की मौत के बाद बड़ी धूम-धाम से बंदर की शवयात्रा निकाली। लोगों ने एक ठेले पर बाजे-गाजे के साथ बंदर की शवयात्रा निकाली।

 

मुहल्ले के लोगों ने भावुक होकर रीति रिवाज से बंदर का अंतिम संस्कार किया। बंदर की शवयात्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

 

करंट लगने से हुई थी मौत

 

मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि शनिवार के दिन खुले तार पर चले जाने के कारण बंदर को करंट लग गया था। जिस वजह से बंदर की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि करंट लगने के बाद डॉक्टर के पास उपचार भी कराया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

 

बैंड भी था शामिल

 

बंदर की शवयात्रा में लोगों ने बैंड की भी व्यवस्था की थी। बैंड वालों के साथ मुहल्ले के लोग भी उदास मन से बंदर की अंतिम यात्रा में शामिल रहे। ठेले पर सजाई गई बंदर की शवयात्रा पर फूल भी काफी मात्रा में चढ़ाया गया था। फूलों के साथ सिंदूर भी चढ़ाया गया था।

 

भंडारे का भी किया जाएगा आयोजन

 

लोगों ने बताया कि मुहल्ले में एक मीटिंग करेंगे। मीटिंग में भंडारा कराने की बात भी रखी जाएगी। जिसमें पूरे मुहल्ले के लोगों से योगदान लेकर आयोजन किया जाएगा।

 

मुहल्ले के लोगों ने बताया कि बंदर को एक अच्छे प्रतीक के रूप में माना जाता है। शनिवार का दिन अच्छा दिन होने के कारण बंदर का अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान के साथ किया गया है। हिंदू धर्म में बंदर को हनुमान के रूप में देखा जाता है।

 

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