Day: December 24, 2022
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Story
धम्मपद गाथा- न चंदन की न चमेली की, न जूही की न बेला की, शील (सदाचार) की सुगंध सर्वोत्तम है; सज्जनों की सुगंध हवा के विपरीत दिशा में भी बहती है | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन
©डॉ एम एल परिहार परिचय- जयपुर, राजस्थान. न पुप्फगन्धो पटिवातमेति, न चन्दनं तगरमल्लिका वा। सतञ्च गन्धो पटिवातमेति, सब्बा दिसा…
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