.

यहां मिला 450 साल पुराना मुगलकालीन जलाशय, वास्तुशिल्प देख हर कोई हैरान, पढ़ें विस्तृत खबर | newsforum

आगरा | उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में जमीन के नीचे इतिहास के दफन राज खुदाई में बाहर आएं हैं। खुदाई के बाद सामने आए राज़ देखकर खुद विशेषज्ञ भी हैरान रह गए। फतेहपुर सीकरी में अकबर महान के वित्तमंत्री रहे टोडरमल की बारादरी में खुदाई के दौरान एक जलाशय मिला है, जिसका वास्तुशिल्प विशेष है।

 

मुगलिया राजधानी रहे विश्व धरोहर स्थल फतेहपुर सीकरी में खुदाई में मिले एक अनोखे जलाशय को देख विशेषज्ञ भी हैरान रहे गए। इसकी वास्तुशिल्प गजब की है। यह जलाशय लगभग 450 साल पुराना है। अब भारतीय पुरातत्व विभाग अब और खोजबीन में लगा है।

<span style="color: #ff0000;"><em><strong>राजा टोडरमल की बारादरी में मलबे के नीचे दबा पानी का एक प्राचीन मुगलकालीन जलाशय </strong></em></span>
राजा टोडरमल की बारादरी में मलबे के नीचे दबा पानी का एक प्राचीन मुगलकालीन जलाशय

वर्गाकार है 450 साल पुराना जलाशय

 

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग को राजा अकबर के वित्तमंत्री रहे राजा टोडरमल की बारादरी में मलबे के नीचे दबा पानी का एक प्राचीन जलाशय मिला। यह प्राचीन जलाशय वर्गाकार है। जलाशय के मध्य में फव्वारा भी है। राजा टोडरमल की बारादरी में साइंटिफिक क्लीयरेंस का काम भी तेजी से जारी है। यहां पर अनमोल धरोहरों पर जमी परतें अब धीरे-धीरे हट रहीं हैं, विशेषज्ञों को और भी तमाम चीजें मिलने की उम्मीद है।

 

संरक्षण कार्य के दौरान शुरू हुआ उत्खनन

 

आगरा जिले में स्थित फतेहपुर सीकरी में राजा टोडरमल की बारादरी है। बारादरी का अर्थ होता है हर ओर दीवार से ढका हुआ स्थान। एएसआई ने इस उपेक्षित बारादरी में संरक्षण का काम शुरू किया है। संरक्षण कार्य के दौरान पिछले दिनों बारादरी के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने से मलबा हटवाने काम का चल रहा था, तभी मलबे के नीचे प्राचीन निर्माण के साक्ष्य मिले। इस पर एएसआई की टीम ने वहां पर वैज्ञानिक तरीके से उत्खनन कराने का निर्णय लिया। जहां पर जैसे-जैसे साइंटिफिक क्लीयरेंस का काम आगे बढ़ा तो वैज्ञानिक टीम हैरान रह गई। क्योंकि, मलबा हटाने पर जमीन में मुगलकालीन डिजाइन का प्राचीन जलाशय मिला।

 

450 साल पुराना है टैंक

राजा अकबर के वित्तमंत्री रहे टोडरमल की बारादरी में खुदाई
राजा अकबर के वित्तमंत्री रहे टोडरमल की बारादरी में खुदाई

 

एएसआई के अधिकारियों की मानें तो प्राचीन टैंक लगभग 450 साल पुराना है। यह लाइम प्लास्टर का बना है। फुव्वारा होने से साफ है कि यह सीकरी की गर्मी से बचने के लिए बनाया गया होगा। जलाशय में हर दीवार पर 9 डिजाइन पैटर्न हैं। इस जलाशय का फुव्वारा लाल बलुई पत्थर का है। फुव्वारे का पाइप किस धातु का है, यह पता नहीं चला है।

 

यह एक अच्छी खोज, कार्य जारी

 

अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि बारादरी का मलबा हटाने पर नीचे जलाशय मिला है। इसमें मलबा भरा था। जलाशय के मध्य में फव्वारा भी बना हुआ है। यह वर्गाकार है। यह प्रत्येक दिशा से 8.7 मीटर लंबा और 1.1 मीटर गहरा है। इसके साथ ही जलाशय के फर्श में चूने का प्लास्टर भी मिला है। जलाशय के चारों ओर बने डिजाइन भी चूने के हैं। फतेहपुर सीकरी में यह एक अच्छी खोज है। बारादरी के साथ ही इसका निर्माण किया गया होगा क्योंकि यह उसके प्रवेश द्वार के ठीक सामने मध्य में बना हुआ है। यहां पर साइंटिफिक क्लीयरेंस में अभी कुछ दिन का समय और लगेगा।

 

राजा अकबर के नवरत्न थे टोडरमल

 

टोडरमल का जन्म एक जनवरी 1500 को सीतापुर जिले के लहरपुर में हुआ था। वह अकबर के नवरत्नों में से एक थे। राजा अकबर के शासनकाल में वित्तमंत्री भी रहे। टोडरमल ने अकबर के मुगल साम्राज्य की राजस्व प्रणाली की नई व्यवस्था की थी। राजा टोडरमल ने सीतापुर के लहरपुर में एक किला और महल का निर्माण कराया था। टोडरमल ने भागवत पुराण का फारसी में अनुवाद किया था। 8 नवंबर 1589 को लाहौर में टोडरमल का निधन हुआ था।


Back to top button